बदायूँः 16 जून। आइजीआरएस पोर्टल पर असंतोषजनक फीडबैक वाले 25 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, लॉगिन ना करने वाले 36 अधिकारियों को चेतावनी

आईजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण में जनपद बदायूं प्रदेश में प्रथम आए-जिलाधिकारी

प्रकरण डिफाल्टर होने पर विभागाध्यक्ष होगे जिम्मेदार-जिलाधिकारी

30 जून तक कर्मयोगी भारत पोर्टल पर कराएं कार्मिकों का पंजीकरण-जिलाधिकारी

जिलाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि आमजन की शिकायतों का निस्तारण मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकताओं में है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आइजीआरएस पोर्टल पर शत प्रतिशत असंतोषजनक फीडबैक वाले 25 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने व लंबे समय से लॉगिन ना करने वाले 36 अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण में जनपद बदायूं प्रदेश में प्रथम आए इसको ध्यान में रखकर कार्य करें।

शुक्रवार को डायट स्थित ऑडिटोरियम में आईजीआरएस व कर्मयोगी पोर्टल के सम्बंध में अधिकारियों व कार्मिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि आइजीआरएस पोर्टल पर 25 अधिकारियों का फीडबैक शत प्रतिशत असंतोषजनक है। उन्होंने सभी 25 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि 36 अधिकारियों द्वारा आइजीआरएस पोर्टल पर लंबे समय से लॉगिन नहीं किया है। उन्होंने ऐसे अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वह नियमित रूप से लॉगिन कर प्रकरणों का निस्तारण समय से कराएं।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों का संवेदीकरण करते हुए कहा कि वह अधीनस्थों से प्राप्त आख्या का नियमित परीक्षण करें व प्रत्येक दिन आइजीआरएस पोर्टल पर लॉगिन करें। उन्होंने कहा कि संतोषजनक फीडबैक पर 7 दिन के अंदर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होने बताया कि आईजीआरएस से संबंधित कार्यों की हर सप्ताह समीक्षा की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले अधिकारी दंड के पात्र होंगे।

जिलाधिकारी ने प्रकरणों के निस्तारण में क्लोजर व फ्लैगिंग प्रकरण अनुरूप करें। उन्होंने कहा कि 30 जून तक सभी अधिकारियों व कार्मिकों का मिशन कर्मयोगी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो जाना चाहिए, साथ ही आईजीआरएस से संबंधित कार्यों को अधिकारी व उनके अधीनस्थों द्वारा समझ लिया गया है, इस आशय का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।

उन्होंने बताया कि आवेदक द्वारा आईजीआरएस पोर्टल या एप पर चार दिवस तक फीडबैक अपलोड नहीं किया जाता है तो मुख्यमंत्री कार्यालय स्थित कॉल सेंटर से आवेदक के मोबाइल पर फोन कर फीडबैक लिया जाता हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी आवेदक को संतुष्ट करें व उससे फोन पर अवश्य संपर्क करें तथा समय से गुणवत्तापरक निस्तारण कराएं।

उन्होने कहा कि प्रकरणों को डिफॉल्टर ना होने दें। डिफाल्टर होने पर विभागाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है तो उसकी वाद संख्या का उल्लेख अपने निस्तारण में अवश्य करें। उन्होने कहा कि अपलोड की जाने वाली आख्या टाइप होनी चाहिए हस्तलिखित नहीं होनी चाहिए।

उन्होने कहा कि सरकारी योजना का लाभ देने पर संबंधित प्रकरण में आवेदक अगर अपात्र होता है तो लिखित में कारण सहित आख्या दी जानी चाहिए तथा एफआईआर दर्ज करने के अनुरोध वाले प्रार्थना पत्रों का भली प्रकार परीक्षण कर अगर एफआईआर दर्ज कराई जानी है तो आवेदक को बुलाकर एफआईआर दर्ज करवाई जाए।

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राकेश कुमार पटेल ने बताया कि नए शासनादेश के अनुसार एक मोबाइल नम्बर से माह में अधिकतम 10 आवेदन ही किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा जन सेवा है इसलिए अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें।

 

अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीके सिंह ने बताया कर्मयोगी भारत पोर्टल पर 440 से ज्यादा पाठ्यक्रम (कोर्सेस) के ऑडियो व वीडियो उपलब्ध है। उन्होने बताया कि प्रत्येक कार्यालय के अधिकारी व कार्मिकों का रजिस्ट्रेशन कराया जाना है, जिसके लिए एनआईसी व जीओवी आईडी का होना आवश्यक है, जो संबंधित विभाग के मुख्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा कराई जाएगी। सभी विभागों के अधिकारी व कार्मिकों का रजिस्ट्रेशन 30 जून तक कर्मयोगी पोर्टल पर आवश्यक रूप से कराएं।

इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट बृजेश कुमार सिंह, सभी उपजिलाधिकारी अन्य अधिकारीगण व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

 

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