लखनऊ। आशुतोष सिंह हत्याकांड का खुलासा राजधानी लखनऊ की उत्तरी जोन मड़ियांव पुलिस ने कर दिया है। आशुतोष की हत्या कोई और नहीं, बल्कि उसकी नवविवाहित पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर किया था।गोली मारकर आशुतोष की हत्या करने के बाद पत्नी और उसका आशिक बचने के फिराक में थे, लेकिन पुलिस की जांच में नहीं बच सके। हत्या की साजिश रचने वाली बेवफा पत्नी और उसके प्रेमी समेत तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। खास बात ये है कि पत्नी, उसका प्रेमी व दोस्त तीनों ही प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक हैं।

हरदोई जिले के अतरौली थाने के रशरौल गांव निवासी आशुतोष सिंह (27) मड़ियांव के ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर में पीआरओ थे। आशुतोष मड़ियांव की इंद्रपुरम कॉलोनी में अपने भाई राजेश, अनुपम तथा भतीजे विकास सिंह के साथ रहते थे। 23 अगस्त की रात ड्यूटी से लौटने के बाद किसी का फोन आने पर आशुतोष घर से निकले थे, जिनका शव 24 अगस्त की सुबह मड़ियांव में आईआईएम रोड के पास मिला था। पीएम रिपोर्ट में गोली मारकर हत्या की बात सामने आई थी। पुलिस ने आशुतोष के भाई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की। छानबीन के बाद मड़ियांव इंस्पेक्टर मनोज सिंह ने शनिवार को आशुतोष की पत्नी प्रीति (निवासी कस्बा संडीला, हरदोई), उसके प्रेमी हेमेंद्र प्रताप यादव और दोस्त सुनील सिंह (निवासी फ्रेंड्स कॉलोनी, इटावा) को गिरफ्तार कर लिया। हेमेंद्र के पास से वारदात में इस्तेमाल तमंचा व खोखा भी बरामद हुआ है। इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रीति संडीला के प्राथमिक स्कूल में सहायक शिक्षिका है, जबकि हेमेंद्र व सुनील इटावा के प्राथमिक स्कूल में सहायक शिक्षक हैं।

एडीसीपी (उत्तरी) प्राची सिंह के अनुसार, हेमेंद्र ने बताया कि वह 2015 से जनवरी 2021 तक प्रीति के साथ उन्नाव के प्राथमिक विद्यालय औरास में तैनात था, जहां उसका प्रीति से प्रेम प्रसंग हो गया था। फरवरी 2021 में प्रीति का तबादला हरदोई के संडीला में हो गया और हेमेंद्र का इटावा। इसी बीच जुलाई 2021 में प्रीति के घरवालों ने उसकी आशुतोष से शादी कर दी। कुछ दिनों तक प्रीति ने हेमेंद्र से बात करना छोड़ दिया था। प्रीति को पति पसंद नहीं आया तो उसने अपने दोस्त सुनील को इसकी जानकारी दी। सुनील सभी बातें हेमेंद्र को बता देता था। प्रीति हेमेंद्र से संडीला में तबादला कराने को कहने लगी। ऐसा न होने पर वह अपना तबादला कराकर इटावा जाने की भी कोशिश की। इसी बीच उसने हेमेंद्र के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रच डाली। 23 अगस्त को हेमेंद्र ने आशुतोष को फोन कर दवा सप्लाई का बड़ा काम दिलाने के बहाने बुलाकर अपनी एसयूवी में बैठा लिया। उसके साथ सुनील भी था। कुछ दूर जाने पर आशुतोष मोबाइल में कुछ देखने लगा, तभी हेमेंद्र ने तमंचा निकालकर उसे गोली मार दी। इसके बाद आशुतोष का शव सड़क किनारे फेंककर दोनों भागने लगे। गोमती पुल के पास उनकी एसयूवी डिवाइडर से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। वह एसयूवी वहीं सड़क किनारे छोड़कर भाग गया था। पुलिस गाड़ी नंबर से मालिक का पता लगाकर उसके मोबाइल की लोकेशन खंगाली तो वो भी घटना के वक्त मड़ियांव में मिला। इसी नंबर से आशुतोष की पत्नी प्रीति से भी लगातार बातचीत हो रही थी।

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