नोयडा, एजेंसी । कोरोना से हो रही मौतों का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। इस महामारी में अब तक कई दिग्गजों की मौत हो चुकी है। वहीं शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा का कोरोना से निधन हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर दुख जताया।

हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज धर्मवीर शर्मा का कोरोना से निधनवे अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि विवाद पर 30 सितंबर, 2010 को लखनऊ पीठ द्वारा सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले में शामिल रहे। निधन की खबर मिलने के बाद उनके गांव और समाज में शोक की लहर दौड़ गई।  बुलंदशहर में दानपुर नगर के हवेली परिवार में उनका जन्म हुआ था।

74 वर्षीय सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा वर्तमान में नोएडा के सेक्टर 12 में रहते थे। उनके परिवारीजन अंकित गौतम ने बताया कि गुरुवार रात वह बिल्कुल ठीक थे। शुक्रवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया। दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली। काफी समय से खाली पड़ा है पुश्तैनी घर

वे बुलंदशहर के डिबाई थाना क्षेत्र के गांव दानपुर के मुल निवासी थे। उन्होंने उच्च शिक्षा लखनऊ से प्राप्त की थी। उनके निधन की सूचना से गांव में शोक की लहर है। बताया गया कि वह अविवाहित थे। ग्रामीणों के अनुसार वह गांव में करीब 18 वर्ष पूर्व किसी काम से गांव आए थे। वह नोएडा में रहते थे। फ़िलहाल उनका पुश्तैनी घर काफ़ी समय से ख़ाली पड़ा हुआ है और टूटने की कगार पर है। यहां उनके परिवार से जुड़ा कोई भी नहीं रहता है।

जज धर्मवीर शर्मा 30 सितंबर को राम जन्मभूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने के अगले दिन ही  सेवानिवृत्त हो गए थे। वे छह भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। सादा जीवन-उच्च विचार के सिद्धांत में विश्वास रखते थे। इतने बड़े और सम्मानित पद पर रहने के बावजूद भी वह अपना भोजन स्वयं बनाते थे।

 

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