बदायूँ : 18 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुक्रम में माननीय जनपद न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा महिलाओं के हित संरक्षण के कानून से सम्बन्धित विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन जनपद बदायूं की तहसील बिल्सी सभागार में आयोजित किया गया।

शिविर का शुभारम्भ श्रीमान अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं श्रीमती सारिका गोयल की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्रीमती कृष्णा देवी, अधिवक्ता/रिसोर्स पर्सन व श्री संतोष कुमार सक्सेना, नामिका अधिवक्ता/रिसोर्स पर्सन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं एवं कु0 कशिश सक्सेना एल0ए0डी0सी0 द्वारा विस्तृत रूप में परिवार, क्रिमिनल, सिविल, लेबर एवं मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित विधिक प्रावधानों के सम्बन्ध में जानकारियां देते हुये अपील की गयी कि महिलायें सजग रहें ताकि उनका उत्पीड़न न हो सके। इसके उपरान्त उपस्थित उप-निरीक्षक अमृता सिंह द्वारा महिलाओं हेतु सरकार द्वारा चलायी जा रही पुलिस व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से जानकारियां दी गयीं। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से उपस्थित डॉ0 चारू गुप्ता, स्त्री रोग विषेशज्ञ द्वारा अपने वक्तव्य में महिलाओं के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जानकारियां दी गयीं एवं महिलाओं को सरवाइकल कैंसर के बारे में जागरूक किया गया। इसी क्रम में विडियो के माध्यम से सरवाइकल कैंसर के प्रारम्भिक लक्षण एवं सरवाइकल कैंसर की टेस्टिंग एवं बचाव के बारे में विस्तार से जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त श्री अरूण कुमार द्वारा कार्यक्रम का संचालन करते हुये सरकारी योजनाओं एवं तहसील स्तर के प्रावधानों के सम्बन्ध में जानकारियां दी गयी। इसी क्रम में श्री जीत सिंह राय, उप-जिलाधिकारी द्वारा सभी से अपील की गयी कि शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ जागरूक रहना भी अतिआवश्यक है।

उक्त शिविर के अन्त में श्रीमती सारिका गोयल – अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा अपने वक्तव्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आम जनता की विधिक समस्याओं को किये जाने वाले उपचार से अवगत कराया। इसके साथ ही नालसा तथा राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा महिलाओं के लिये किये जाने वाले कार्यों की चर्चा की। महिलाओं को अवगत कराया कि महिला सशक्तिकरण से वह अपने जीवन से जुडे सभी फैसले ले सकती है तथा समाज में अच्छे से रह सकती है। महिलाओं को अपने स्वयं के विकास के लिए आगे आना चाहिए। परिवार व समाज के साथ सामजस्य बनाना चाहिए। यदि उन पर अत्याचार होता है तो उनके विरूद्ध आवाज अवश्य उठानी चाहिए। क्योंकि कभी-कभी दहेज प्रताडना दहेज हत्या का रूप वन जाती है तथा लड़कियों के साथ की जाने वाली छेडछाड बलात्कार जैसा जघन्य रूप ले लेती हैं। ऐसी प्रवृŸायों की हतोतपाहित किया जाना चाहिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसी उन सभी महिलाओं के संरक्षण के लिए करवद्ध है जोकि अपनी आर्थिक सामाजिक परिस्थितियों के कारण अपने विरूद्ध होने वाले अत्याचार कि खिलाफ आवाज नहीं उठा सकती है। ऐेसे किसी अपराध के लिए निःशुल्क पैनल अधिवक्ता की व्यवस्था की गयी है। यदि महिला स्वंय जागरूक रहती है अपना सम्मान करती है तो परिवार व समाज भी उसका सम्मान करता है। महिलाओं के विरूद्ध होने वाले विभिन्न अपराध दहेज प्रताडना, दहेज हत्या छेडछाड, पाक्सो अधिनियम के प्रावधान, एसिड एटैक, अपहरण, व्यपहरण, महिलाओं की अवैध ट्रेफिकिंग आदि प्राबधानों को बताकर महिलाओं तथा किशोरियो को जागरूक किया गया।

 

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