बदायूँः 11 जुलाई। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के अर्हता दिनांक 01-01-2024 के आधार पर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण एवं मतदेय स्थलों के सम्भाजन के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हेतु जिलाधिकारी मनोज कुमार एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राकेश कुमार पटेल व मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई
मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया कि भारत निर्वाचन निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अर्हता तिथि 01-01-2024 के आधार पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम दिनांक 01-06-2023 से आरम्भ हो रहा है, जिसके अनुसार दिनांक 17-10-2023 को निर्वाचक नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन किया जाएगा।
उन्होने कहा कि ऐसे मतदेय स्थल, जिन पर मतदाताओं की संख्या 300 से कम है, उनका भौतिक सत्यापन एवं तार्किक विश्लेषण करते हुए इस बात की सम्भावना का परीक्षण भी कर लिया जाए कि क्या ऐसे मतदेय स्थलों को किसी अन्य मतदेय स्थलों के साथ समायोजित किया जा सकता है एवं तद्नुसार आवश्यक कार्यवाही सम्पादित की जाए। शहरी क्षेत्रों में जहां नयी आवासीय कालोनियां गत कुछ वर्षों में बनी है और उसमें नागरिक निवास करने लगे हैं तो वहां यथावश्यकतानुसार नया पोलिंग स्टेशन बनाया जाए। अत्याधिक पुराने व जर्जर भवन वाले मतदेय स्थलों को उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध स्थायी भवन में स्थानान्तरित कर दिया जाए। अस्थायी निर्माण वाले मतदेय स्थलों को उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध स्थायी भवन में स्थानान्तरित कर दिया जाए। ऐसे मतदेय स्थल चिन्हित किए जाएं, जो मुख्य गांव/बस्ती से पर्याप्त दूरी पर हैं, उन मतदेय स्थलों को वहां से हटाकर मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत किसी सुविधाजनक भवन में स्थापित किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पोलिंग स्टेशन की दूरी लगभग 02 किमी से अधिक न हो। जिन मतदेय स्थलों के भवन पुराने व जर्जर नहीं है तथा जहां मतदाताओं को 02 किमी से अधिक दूरी चलने की आवश्यकता नहीं हैं, ऐसे मतदेय स्थलों की स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जाए।
उन्होंने कहा कि कोई मतदेय स्थल यदि अपने मतदान क्षेत्र में उपयुक्त भवन न उपलब्ध होने के कारण मतदान क्षेत्र से बाहर स्थित है और अब मतदान क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त भवन उपलब्ध हो गया है तो ऐसे मतदेय स्थल को अपने मतदान क्षेत्र के अन्दर स्थिति भवन में शिफ्ट कर दिया जाए। यदि भौतिक सत्यापन में किसी मतदेय स्थल के संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर स्थित होने का मामला प्रकाश में आता है तो ऐसे पोलिंग स्टेशनों को परिवर्तित कर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्थापित किया जाए। सभी मतदेय स्थल भवनों के यथासम्भव भूतल पर होना सुनिश्चित किया जाए। किसी भी राजनैतिक दल या लेबर यूनियन के कार्यालय से 200 मीटर के अंदर कोई भी मतदेय स्थल नहीं बनाया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मतदेय स्थलों के सम्भाजन के पश्चात मतदेय स्थलों के स्थान में अंतिम क्षणों में परिवर्तन की आवश्यकता न रह जाए। यदि कोई मतदेय स्थल निजी भवन में स्थापित है और वहां यदि शासकीय भवन उपलब्ध हो गये है तो उक्त मतदेय स्थलों को शासकीय भवनां में स्थानान्तरित कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई मतदेय स्थल दुकान/व्यवसायिक प्रतिष्ठान/व्यक्तिगत सामुदायिक केन्द्र/विवाह घर अथवा ऐसे भवन, जिनका स्वामित्व किसी राजनैतिक व्यक्ति के पास है, ऐसे मतदेय स्थलों हेतु विकल्प तलाश कर उनको स्थानान्तरित कर दिया जाए। सत्यापन का कार्य जिलाधिकारी द्वारा गठित जनपद स्तरीय अधिकारियों की टीम द्वारा मतदेय स्थलों का सम्भाजन मतदेय भवन तथा उससे सम्बद्ध किये जाने वाले निर्वाचक नामावली के सुसंगत भाग के शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन के बाद किया जायेगा अर्थात भवन के सत्यापन के साथ-साथ यह भी देखा जायेगा कि उस भवन के आस-पास भौतिक रूप से हो।
उन्होंने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से संक्षिप्त पुनरीक्षण-2023 कार्यक्रम के व्यापक प्रचार प्रसार, निर्वाचक नामावली में छूटे हुए सभी अर्ह मतदाताओं विशेष रूप से युवा, महिला मतदाताओं के नाम सम्मिलित कराने हेतु एवं मतदेय स्थलों के सम्भाजन में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करने को कहा है।
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