संवाद सूत्र, मिरहची: होटल ताज में आतंकियों से लोहा लेते समय लगीं थीं चार गोलियां

युवा सही मार्ग को न छोड़े राह मिल जायेगी।

26 नवंबर 2008 को मुम्बई पर हुये हमले के दौरान मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने आतंकियों की गोलियां खाते हुये लगभग 150 लोगों की जान बचाई थी। योग प्राणायाम और प्रबल इच्छाशक्ति के बूते खुद को पूर्ण स्वस्थ्य कर युवाओं को स्वस्थ्य रहने की प्रेरणा दे रहे हैं।

बुलंदशहर जिले के भटौना गांव निवासी मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई पर हमला करने वाले आतंकियों को पस्त करने में इनकी बड़ी भूमिका थी। मुम्बई के ताज होटल से डेढ़ सौ से अधिक लोगों के प्राणों की रक्षा करने वाले इस वीर को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। इस वीर को आतंकियों से लोहा लेते समय चार गोलियां लगीं थीं। इलाज के लिये लंबे समय तक अस्पताल में रहे प्रवीण तेवतिया ने स्वयं की प्रबल इच्छाशक्ति, योग और प्राणायाम के बूते खुद को पूर्ण रूप से स्वस्थ्य किया। स्वस्थ्य होने के बाद प्रवीण ने विश्व की सबसे कठिन स्पर्धा आयरनमैन में सफलतापूर्वक हिस्सा लेना शुरू किया। नौसेना से वर्ष 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद प्रवीण देशसेवा के एक और मिशन पर निकल पड़े। तत्पश्चात इन्होंने खासकर युवाओं को सेहतमंद बनाने को अपना लक्ष्य बनाया। इनके इस प्रयास को फिट इण्डिया ने भी सराहते हुये इनको अपना ब्रांड एंबेसडर घोषित कर दिया। वर्ष 2012 में स्वस्थ्य होने के बाद प्रवीण ने सबसे कठिन आयरनमैन स्पर्धा में 3.8 किलोमीटर समुद्र में तैराकी, 180 किलोमीटर साइकिलिंग के बाद 42.2 किलोमीटर तक दौड़ को एक के बाद एक पूरा किया। 2015 में मुम्बई मैराथन, 2016 मुम्बई हाफ मैराथन, 2017 में जयपुर और गोवा में आयोजित ट्रायथलान को पूर्ण किया। वर्ष 2017 में ही लद्दाख में बहुत कठिन 72 किलोमीटर लंबी खरदुंगला मैराथन को पूरा किया। खरदुंगला में अॉक्सीजन का स्तर काफी कम होता है और कमजोर हो चुके एकमात्र फेफड़े के सहारे इसे पूरा करने पर विशेषज्ञों ने भी आश्चर्य जताया। अभी तक प्रवीण दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया और अमेरिका में हुई आयरमैन प्रतियोगिता के फिनिशर रहे। इस प्रतियोगिता में 15 घंटे से अधिक समय तक हिस्सा लेना पड़ता है। वर्ष 2017 में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर प्रवीण का इंटरव्यू ले चुके हैं। वर्ष 2018 में कौन बनेगा करोड़पति प्रतियोगिता में प्रवीन हिस्सा ले चुके हैं।

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मुश्किल नहीं है सिक्स पैक एब्स बनाना, कृत्रिम उपायों का न लें सहारा

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योग गुरू बाबा रामदेव के कासगंज स्थित बारह पत्थर पर आयोजित तीन दिवसीय योग साधना दिवस की सफलता को पिछले कई दिनों से कासगंज में डेरा जमाये एक्स कमांडो प्रवीन युवाओं को सलाह देते हैं कि सिक्स पैक एब्स बनाना मुश्किल नहीं है। आप खाने से कार्बोहाइड्रेट निकाल दें तो सिक्स पैक एब्स दिखाई देने लगेंगे। लेकिन इसके लिये युवा कृत्रिम उपायों का सहारा न लें। युवाओं को बाजारों में मिल रहे प्रोटीन आदि पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इसके प्रयोग से हानि हो सकती है। मांस का सेवन न करने वाले युवा दूध, दही, हरी सब्जियों का डाइट चार्ट बनाकर उपयोग करने से भी सिक्स पैक एब्स बना सकते हैं।

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रोजाना आठ से दस हजार कदम जरूर चलें

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प्रवीण तेवतिया कहते हैं कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिये युवाओं के साथ साथ हर उम्र के व्यक्ति को योग और प्राणायाम के साथ आठ से दस हजार स्टेप जरूर चलना चाहिये। इससे भोजन पचाने में सहायता मिलती है।

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आत्मकथा में बयां किया जीवन का संघर्ष

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कमांडो प्रवीण तेवतिया अपनी आत्मकथा को साधारण गांव के लड़के से लेकर मरीन कमांडो बनने और सेवानिवृत्ति के बाद के संघर्ष को भी 22 अध्यायों में बांटा बताते हैं।

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दैनिक जागरण की खबर से मिली प्रेरणा

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कमांडो प्रवीण तेवतिया ने बताया कि वर्ष 2014 में उनकी नियुक्ति मुम्बई में थी। उस दौरान मेरठ निवासी नवनियुक्त मरीन कमांडो ने छुट्टी के दौरान उनसे मिलने का समय मांगा। मुलाकात के दौरान उसने बताया कि 2009 में दैनिक जागरण में उनके अदम्य साहस के बारे में पढ़ा और उसी से प्रेरणा लेकर मरीन कमांडो बनने की तैयारी शुरू कर दी थी।

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खुद पर भरोसा रखें युवा

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प्रवीण तेवतिया आजकल युवाओं को मरीन कमांडो बनने का नोयड़ा और पुणे में प्रशिक्षण देते हैं। विभिन्न संस्थानों में इनको मोटीवेशनल स्पीकर के तौर पर आमंत्रित किया जाता है। वह योग, प्राणायाम, बेहतर डाइट प्लान आदि की जानकारी देते हैं। इनका कहना रहता है कि युवा अपना आत्मविश्वास कायम रखें। मेहनत, लगन और निष्ठा से कार्य करने से लक्ष्य को अवश्य पा सकेंगे।

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बाबा रामदेव का कार्यक्रम लगने वाले स्थान पर एक माह पूर्व से डाल देते हैं डेरा

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एक्स मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने बताया कि अब उनका एक ही लक्ष्य शेष रह गया है कि भटकते युवाओं को राह पर लाना। इसके लिये वह बाबा रामदेव का कार्यक्रम लगने वाले स्थान पर एक माह पूर्व ही डेरा जमा लेते हैं। और वहां रहकर युवाओं को मोटीवेट कर रास्ते पर लाने का प्रयास करते हैं। हांलांकि उनको इस प्रयास में सफलता भी मिल रही है। उनका मानना है कि आज हमारे देश के युवाओं को विदेशी कंपनियां भटकाने में जुटी हुईं हैं।

फोटो कैप्सन–कस्बा के युवा उद्योगपति सुधांशु माहेश्वरी के आवास पर दैनिक समाचार पत्र बदायूं शिखर से अपने संस्मरण साझा करने के साथ युवाओं को सफलता के मंत्र बताते एक्स मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया।

 

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