- अब तक मरने वालों की संख्या हुई 27
- प्रतिदिन मिल रहे डेंगू और बुखार के रोगी
- कहीं यह कोरोना की तीसरी लहर तो नहीं
संवाद सूत्र,मिरहची (एटा): कस्बा और ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू के जानलेवा डंक का कहर जारी है। क्षेत्र में बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार की शाम कासगंज के निजी चिकित्सक के यहां एक महिला की डेंगू बुखार से मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकडा 27 तक जा पहुंचा है। कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन डेंगू और बुखार के रोगी मिल रहे हैं। लोग सोचने पर मजबूर हैं कि कहीं यह कोरोना की तीसरी लहर तो नहीं है।
वायरल बुखार और डेंगू पीड़ित लोगों का स्थानीय अस्पताल में बनाया में उपचार किया जा रहा है, लेकिन जांच उपकरण के अभाव में मरीजों को अपंजीकृत लैबों की शरण में जाना पड़ रहा है। अपंजीकृत निजी चिकित्सकों के यहां भी तादाद से ज्यादा मरीज भरे हैं। पीड़ित लोग मरीजों को सघन उपचार के लिये आगरा, अलीगढ़ और बरेली जैसे महानगरों में उपचार करा रहे हैं। क्षेत्र में लगभग दो माह से भी अधिक समय से क्षेत्र डेंगू, बुखार और वायरल से पीड़ित है। लोग उपचार में सरकारी मदद न मिलने के कारण दुखी हैं। क्षेत्र में बुखार बुरी तरह कहर बरपा रहा है। अब तक 27 लोगों की डेंगू और बुखार के चलते जान जा चुकी है, बड़े अचंभे की बात है कि डेंगू से इतनी जनहानि के पश्चात भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी एक भी मौत को डेंगू और बुखार से नहीं स्वीकार रहे। कस्बा मिरहची निवासी 63 वर्षीय लीलावती पत्नी भूदेव सिंह का उपचार कासगंज स्थित निजी चिकित्सक के यहां उपचार चल रहा था जिनका गुरुवार की शाम उनका निधन हो गया। लोगों में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश व्याप्त है उनका कहना है कि सरकार शिक्षा और चिकित्सा पर करोड़ों रुपये व्यय कर रही है, लेकिन लोगों को चिकित्सा व्यवस्था का आंशिक लाभ भी नहीं मिल पा रहा उसको मजबूरी में निजी चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ रहा है।
खून जांच की नहीं हो सकती व्यवस्था
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू और बुखार के मरीजों को भर्ती कर उपचार कराया जा रहा है। खून जांच की व्यवस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं की जा सकती।-डा. उमेश चंद्र त्रिपाठी सीएमओ एटा।