बदायूँ शिखर सम्वाददाता

कासगंज: नमामि गंगे परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती करने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु विकास खण्ड गंजडुण्डवारा के ग्राम सहबाजपुर में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि जैविक खेती कृषि की ऐसी विधि है जिसमें रसायनिक उर्वरकों एवं रसायनिक कीटनाशकों का न्यूनतम प्रयोग किया जाता है। भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट खाद आदि का अधिक उपयोग किया जाता है। जैविक खेती के उत्पाद के सेवन से शरीर स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रहता है। कृषि विशेषज्ञ डा0 मोहर सिंह वर्मा ने किसानों से कहा कि स्वयं भी स्वस्थ रहें और मानव जीवन को भी स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिये जैविक खेती करें।

जिला प्रभारी राजीव दीक्षित ने किसानों को बताया कि जैविक खेती करने से उत्पादन लागत कम होती है तथा आय में वृद्वि होती है। कार्यक्रम में एलआरपी कार्मिक गौरव पाण्डेय, कपिल दीक्षित, अजय, रामेन्द्र, विपिन, कुलदीप कुमार तथा प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

 

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