बदायूँ । कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत उद्यान विभाग द्वारा कराई गई। किसान गोष्ठी/सेमिनार का उद्घाटन मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज ने फीता काटकर किया। गोष्ठी में उद्यान विभाग एवं कृषि सम्वर्गीय विभाग जैसे कृषि विभाग, गन्ना विभाग, पशुपालन विभाग, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम आदि लगी प्रदर्शनी का मुख्य विकास अधिकारी एवं उप कृषि निदेशक द्वारा भ्रमण किया गया। गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक एवं उप निदेशक उद्यान द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत चयनित कृषक प्रदीप कुमार, प्रमोद कुमार, सुलेमान, ओमप्रकाश, राजीव कुमार, शैलेंद्र, छोटेलाल, निवासी ग्राम दून्देनगर, नरेंद्र कुमार संकर को मसाला मिर्च बीज वितरण किया गया। गोष्ठी में लगभग 350 कृषकों ने प्रतिभाग किया।
जिला उद्यान अधिकारी/उप निदेशक उद्यान, बरेली मण्डल, बरेली पूजा ने कृषकों की आय दोगुनी करने हेतु विस्तार से बताया। उद्यान विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में तथा कृषकों को पॉली हाउस/नेट हाउस पर मिलने वाले 50 प्रतिशत अनुदान के बारे में तथा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्वति के बारे में भी पानी की बचत, गुणवत्ता फसल एवं देय अनुदान दो हेक्टेयर पर 80 प्रतिशत एवं दो हेक्टेयर से कम पर 90 प्रतिशत की जानकारी कृषकों को उपलब्ध कराई। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजनान्तर्गत ओडीओपी में अमरूद से बने उत्पाद पर 35 प्रतिशत अनुदान देय है। उद्योग पूर्व से संचालित हैं उन्हें विस्तारीकरण करते हुए भी 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत कृषकों को निःशुल्क बीज/निवेश वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क बीज/निवेश प्राप्त करने हेतु कृषक पंजीकरण अनिवार्य है। किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय आकर अपना पंजीकरण उपरांत कृषक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उझानी कृषि विज्ञान केन्द्र के डा0 आनन्द ने बताया कि कृषकों को जैविक खेती के विषय में जागरुक होना अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज कल जैविक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, क्यांकि फलों एवं सब्ज़ियों में अन्धाधुन्द पेस्टीसाइड के प्रयोग से मानव स्वास्थ्य एवं मृदा स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा हुआ है, भूमि हमारी बंजर होती चली आ रही है, इसलिये हमें मृदा उर्वरता को सामान्य बनाये रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषकों की आय दोगुना करने का संकल्प लिया है, जिसको हमें करके दिखाने की आवश्यकता है।
मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज ने गोष्ठी में उपस्थित कृषकों को परम्परागत खेती को छोड़कर उन्नत तकनीकी खेती, जल संरक्षण एवं ड्रिप सिस्टम लगाने हेतु विशेष बल दिया। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कार्यक्रम में बताया गया कि गाय पालन बेहद ही शुभ व लाभकारी माना जाता है। उन्होंने कहा कि गाय पालने से जीवन सुखमय व आनन्दमय व्यतीत होता है। गाय पालन से कृषि की लागत भी कम होती है। उन्होंने कृषक बन्धुओं से अनुरोध किया गया कि गौरक्षा हेतु प्रत्येक कृषक बन्धु को कम से कम एक गाय अवश्य ही पालना चाहिए। कृषक अधिक से अधिक औद्यानिक फसलों का उत्पादन कर उत्पाद को प्रमुखता से निर्यात करें, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके।
तकनीकी सत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र के दातागंज के प्रभारी अजय विक्रम सिंह ने बागवानी एवं बागों के सहफसली पर विस्तृत चर्चा की। वैज्ञानिक डा0 फूलचन्द सिंह द्वारा फसलों में लगने वाले रोगों, उनके उपचार, कीटनाशक विधि एवं नयी तकनीकी से कृषि फसलों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। डा0 विमल कुमार द्वारा अमरुद, पपीता आदि बागवानी फसलों व आलू फसल में किस प्रकार से ड्रिप सिंचाई की स्थापना की जाती है, विस्तार पूर्वक कृषकों को जानकारी दी तथा कृषकों को गन्ने की खेती में ड्रिप सिंचाई के लाभ बताते हुए कृषकों को टै्रन्च विधि एवं रिंग विधि से गन्ना लगाने तथा गन्ने की फसल के बीच फसली खेती करने हेतु प्रेरित किया गया।