बिल्सी (बदायूं)। बांस बरोलिया स्थित ऋषि आश्रम शुभ सेवा संस्थान के तत्वावधान में वृद्धाश्रम पर चल रहे श्री लक्ष्मी नारायन महायज्ञ एवं संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में बृहस्पतिवार को तीसरे दिन मध्यप्रदेश के शिवपुरी से पधारे आचार्य दीपक शास्त्री ने कथा का रसपान कराया।

उन्होंने राजा परीक्षित जन्म, श्री शुकदेव आगमन, बारह अवतार की कथा का प्रसंग सुनाया। कथावाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि अहंकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षणभंगुर होती है।

इसलिए इस जीवन में परोपकार करो। उन्होंने कहा कि अहंकार, गर्व, घृणा से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। ईष्यालु व्यक्ति अपने जीवन में कभी तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यदि अपना उद्धार करना चाहते हो तो परोपकार में अपना जीवन लगाओ, इससे तुम्हारा कल्याण होगा। इस मौके पर त्रिदंडी स्वामी दामोदार दास महाराज, आश्रम के संचालक उमाशंकर शास्त्री, वेदव्यास शर्मा, शिव गौड़, धनेश्वर सिंह पुंडीर, रामकिशोर शर्मा, ह रिओम, खेमपाल, यादकिशोर माथुर, राजाराम, रामप्रकाश, रामाशंकर शर्मा, सचिन शर्मा, कलावती, बंटी माथुर आदि मौजूद रहे।

 

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