बदायूँ : जिला दुग्धशाला विकास अधिकारी डीपी सिंह ने बताया कि स्वदेशी नस्ल की गायों को पालने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गयी है, इसके लिए जनपद को वार्षिक 107 व मासिक 27 का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर तक लाभार्थियों का चयन किया जाना है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत आगामी 05 वर्षों में प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाये रखने का संकल्प लिया गया है। स्वदेसी गायों यथा गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी तथा थारपारकर की नस्ल सुधार, उनकी बेहतर देखभाल, गुणवत्तायुक्त पोषण एवं स्वास्थ्य प्रतिरक्षा के प्रति प्रेरित करने, दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि कर पशुपालकों की आय में वृद्धि करने तथा प्रदेश में प्रतिव्यक्ति दुग्ध उपलब्धता बढ़ाकर राष्ट्रीय स्तर पर लाने के उद्देश्य को दृष्टिगत कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत आगामी 05 वर्षो में प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाये रखने हेतु ग्रामों में दुग्ध सहकारी समितियों गठित कर दुग्ध उत्पादकों को ग्रामों में ही उनके दुग्ध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का संकल्प लिया गया है। प्रदेश के संगठित क्षेत्र द्वारा मार्केटेबल सरप्लस दुग्ध का लगभग 10 प्रतिशत दुग्ध ही प्रसंस्कृत किया जा रहा है, जबकि भारत का औसत दुग्ध प्रसंस्करण 17 प्रतिशत है। नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत ग्रामों में दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को उनके ग्रामों में ही दुग्ध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराये जाने पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि आवेदनकर्ता को आवेदन गाय की ब्याँल की तिथि से 45 दिन के अन्दर करना होगा। अधिकतम दो गायों के लिए एक बार प्रोत्साहन का लाभ देय होगा। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन योजना अन्तर्गत 08 से 12 किलोग्राम तक 10 हजार रुपए तथा 12 किलोग्राम से अधिक पर 15 हजार रुपए प्रोत्साहन की राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि दुग्ध मिशन के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन अथवा जनपद के मुख्य विकास अधिकारी व मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।