बदायूँ शिखर
विशेष संवाददाता- कु.गौरी त्रिपाठी
अयोध्या: राम का भक्तिधाम अयोध्या इन दिनों शिल्पकारों से भरा पड़ा है। जिस गली या चौराहे पर नजर घुमाइए कन्नी और वसूली की खटपट का शोर सुनाई देता है। राममंदिर के शिलान्यास की तैयारियों के बीच समूची अयोध्या में इन दिनों निर्माण और मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। वैश्विक स्तर पर श्रीराम जन्मभूमि को पहचान दिलाने के लिए इस समय अयोध्या में 45,814 लाख की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके साथ ही इक्ष्वाकुपुरी बसाने की योजना भी है। माना जा रहा है पीएम मोदी 5 अगस्त को इसकी घोषणा करेंगे।
अयोध्या को देखने से ऐसे लगता है मानो यह देश के सबसे बड़े धाम के रूप में विकसित हो रही है। नया-नया भजन संध्या स्थल बनकर तैयार है। दशरथ महल और सत्संग भवन की तस्वीर बदल गयी है। यात्री सहायता केन्द्र, रैन बसेरा, रामकथा पार्क का विस्तारीकरण हो रहा है। सरयू नगरी की गलियों बारिश के दिनों में चलना मुश्किल भरा काम था। लेकिन अब यह तस्वीर बदली है। सड़कों का नेटवर्क बढ़ाया जा रहा है। सड़कें चौड़ी हो रही हैं। राम जानकी मार्ग, फैजाबाद से बलरामपुर राज्यमार्ग, 84 कोसी मार्ग जैसी कई सड़क परियोजनाओं पर भी काम हो रहा है। आने वाले दिनों में अयोध्या का रेलवे स्टेशन देश के सर्वोत्तम रेलवे स्टेशनों में शुमार होगा।
♦️कुंडों का जीर्णोद्धार
▪️अयोध्या धाम के प्रमुख जीर्णशीर्ण कुंडों को भव्यतम रूप दिया जा रहा है। सूर्य कुंड, भरतकुंड, हनुमान कुंड, स्वर्ण खनि कुंड, सीता कुंड, अग्नि कुंड, खुर्ज कुंड, गणेष कुंड और दशरथ कुंड का सुंदरीकरण किया जाएगा।
रामायण सर्किट थीम के तहत विकास कार्य रामायण सर्किट थीम के तहत रामकथा गैलरी, दिगम्बर अखाड़ा में मल्टीपरपज हाल, पंचकोशी परिक्रमा मार्ग पर यात्री छादक, राम की पैड़ी का कार्य, नया बस डिपो, मल्टीलेवल कार पार्किंग और हनुमान गढ़ी कनक भवन पैदल यात्री मार्ग आदि का निर्माण कार्य पूरा होने को है।
♦️अंकोरवाट की तर्ज पर इक्ष्वाकुनगरी
▪️नव्य अयोध्या में प्रस्तावित इक्ष्वाकुनगरी की चर्चा भी अयोध्या में कम नहीं है। बताया जा रहा है कि यह कंबोडिया के अंकोरवाट की तर्ज पर विकसित होगी। अयोध्या को अन्तरराष्ट्रीय पहचान देने वाली इस उपनगरी को अध्यात्म और पर्यटन के अनूठे आकर्षण के साथ विकसित किए जाने की योजना है।
♦️1900 एकड़ में बसेगी अध्यात्म नगरी
▪️सरयू तट पर श्रीराम की जलसमाधि वाले स्थान गुप्तारघाट से रामजन्मभूमि तक यह परियोजना 1,900 एकड़ क्षेत्र में विकसित होगी। जिस पर 3,000 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है। अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग से गुप्तारघाट तक प्रस्तावित फोर लेन सड़क इक्ष्वाकुपुरी को जोड़ेगी। सरयू नदी के किनारे रिवर फ्रंट का विकास होगा।
♦️दो भागों में बटी होगी-
▪️इक्ष्वाकुपुरी दो भागों में बंटी होगी। पहले भाग में वेदों, पुराणों, धर्मषास्त्रों के नाम से अलग-अलग संकुल होंगे, जहां पर्यटकों को इससे संबंधित जानकारी ऑडियो -विजुअल के माध्यम मिलेगी। दूसरे भाग में मुनियों-ऋषियों के नाम से आश्रम बनेगें। जहां लोग योग साधना, कर्मकांड देख व कर सकेंगे और प्रवास कर सकेंगे। इक्ष्वाकुपुरी की स्थापना का मकसदभारतीय आध्यात्म, दर्शन, धर्मशास्त्र और पर्यटन को वैश्विक स्तर पर पुर्नस्थापित करना है।