बदायूँ शिखर
विशेष संवाददाता- कु. गौरी त्रिपाठी
अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय का कहना है कि आलोचनाओं के बाद भी प्रधानमंत्री ने अयोध्या आने का निर्णय लिया। भगवान राम को साष्टांग प्रणाम करके अपने संस्कार को व्यवहार में प्रगट किया। इतने बड़े पद पर रहने के बाद भी उनकी विनम्रता का अभिनंदन।
उन्होने कहा कि निर्धारित शुल्क देकर विकास प्राधिकारण से 70 एकड़ भूमि का नक्शा पास कराया जायेगा। नक्शा पास होने के बाद आगे की प्रक्रिया की जायेगी। नींव की डाईंग बनकर तैयार है। चूकिं सारा मंदिर का दारोमदार नींव पर है अतः इसे उस प्रकार से बनाया जायेगा जैसे नदियों पुल के निर्माण में बनाया जाता है। जिससे एक हजार साल तक मंदिर आंधी, तूफान व भूकम्प सह सके। उक्त बातें ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने प्रेस वार्ता के दौरान बतायी।
उन्होने कहा कि जमीन के नींचे जो भी इतिहास मिला है उसे देश के लोग देखें। मंदिर का दर्शन करने जो भी लोग आये वह उसे भी देखें। ऐसी व्यवस्था की जा रही है। 12 से 13 फिट नीचे एतिहासिक धरोहर मिली। अगर पांच से दस फिट और नीचे गये तो और भी बहुत कुछ मिलने की सम्भावना है। उन्होने बताया कि हरियाणा संत योगीराज दिव्यानंद बिना बुलाये आये थे। जब कार्यकर्ताओं ने उन्हें जानकारी दी कि आपका पास नहीं है तो उन्होने कहा कि मै दर्शन के लिए आया था। आज भगवान का दर्शन करके वह गये।