बदायूँ शिखर
विशेष संवाददाता – कु.गौरी त्रिपाठी
♦️अखंड रामायण पाठ एवं सुंदरकांड के पाठ के उपरांत चल रहा प्रसाद वितरण कार्यक्रम
♦️श्रद्धालु परस्पर एक दूसरे को खिला रहे मिठाईयां एवं प्रसाद
अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के शिलान्यास पूजन कार्यक्रम को लेकर समूचे जनपद के प्रमुख बाजारों सहित गांव में विराजमान देवी देवताओं के छोटे-छोटे मठ मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा पाठ के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिया गया चतुर्दिक श्री राम नाम जप तप महायज्ञ कार्यक्रम चल रहा है।
लगभग 500 वर्षों पूर्व से बहु प्रतीक्षित भगवान श्री राम की भव्य मंदिर निर्माण की आस पूर्ण होने के बाद बुधवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी द्वारा भव्य मंदिर निर्माण की शिला पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया गया, प्रधानमंत्री के दिव्य मंदिर निर्माण की शिला पूजन एवं भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर समूचे जनपद में पूरी तरह से हर्षोल्लास का माहौल छा गया है।
बाजारों सहित गांव की गलियों में विद्यमान छोटे-छोटे मठ मंदिरों में रामचरित मानस का अखंड पाठ एवं सुंदरकांड पाठ सहित व्रत कथा का अनुष्ठान एवं हवन पूजन कार्यक्रम खुशी से झूम रहे सकता आयोजित किया गया है हर व्यक्ति पूरी तरह से राम मय नजर आ रहा है कहीं-कहीं तो सीताराम नाम जप कहीं हर हर महादेव के उद्घोष गुलजार मान हो रहे हैं।
अयोध्या की ओर से जनपद की प्रमुख बाजारों बीकापुर, गोसाईगंज, पूरा बाजार, महाराजगंज, माया बाजार, दर्शन नगर, शहर, कोछा बाजार, चौरे बाजार, सोहावल, मिल्कीपुर, इनायतनगर,बारुन, शाहगंज, हैरिंग्टनगंज, अमानीगंज, अमर गंज, अतरौली, तेंधा बाजार ,कुमारगंज, बहादुरगंज, खंडासा, रुदौली,पटरंगा तथा रानी बाजार का जायजा लिया। जहां बाजारों में स्थित देवी देवताओं के मंदिरों पर भगवान श्री राम के मंदिर शिलान्यास भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर विशाल धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। श्रद्धालु खुशी से झूम रहे हैं। उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं है।
पूजन हवन के बाद श्रद्धालुओं द्वारा अपार खुशियों के बीच मिठाइयां एवं प्रसाद वितरण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मंदिरों पर आयोजित सुंदरकांड एवं अखंड रामायण पाठ के बीच प्रसाद वितरण कार्यक्रम चल रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो कलयुग में त्रेता युग का पूरी तरह से आईना प्रतिबिंबित हो रहा है। फिलहाल खुशी से झूम रहे श्रद्धालुओं की खुशी का ठिकाना नहीं है। सब एक स्वर में जय श्री राम, जय सीताराम, जय सियाराम के नारे उवाच रहे हैं।