अलीगढ़  : कोरोना काल में लंबे समय तक बंदी रही दीवानी कचहरी फिर से रफ्तार पकड़ने लगी है। कोरोना की गाइडलाइन के पालन के साथ न्यायालयों में ट्रायल से लेकर सजा भी हो रही हैं। पुलिस भी मजबूती के साथ मुकदमों की पैरवी में जुट गई है। अधिवक्ताओं का कहना है कि कोर्ट पर मुकदमों का बोझ बढ़ गया है। लेकिन, प्राथमिकता के साथ इनके निस्तारण के लिए पैरवी की जा रही हैं।

लाकडाउन के बाद से ही बंद थी दीवानी कचहरी

वर्ष 2020 के मार्च में लाकडाउन के बाद से ही दीवानी कचहरी बंद हो गई थी। करीब छह माह तक कोर्ट का कामकाज पूरी तरह बंद रहा। धीरे-धीरे कोर्ट खुली तो पहले सिर्फ जमानतों पर सुनवाई होने लगीं। लेकिन, नए साल में अब कोर्ट के कामकाज ने रफ्तार पकड़ ली है। सभी कोर्टों में जमानत के अलावा अब ट्रायल व सजा आदि पर काम तेजी से हो रहा है। आंकड़े के मुताबिक, एक-एक कोर्ट में दो दो हजार से ऊपर मुकदमे लंबित हैं। ऐसे में पुलिस भी मजबूत पैरवी में जुट गई है। दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट खुलने के शुरुआती दौर में लोग भी आने से कतरा रहे थे। लेकिन, अब लोग आने लगे हैं। जो मुकदमे लंबित हैं, उनकी प्रभावी पैरवी करवाई जा रही है। साथ ही कामकाज के दौरान कोरोना की गाइडलाइन का भी पालन किया जा रहा है।

कोरोना की गाइडलाइन का रख रहे ख्याल

एसोसिएशन के महासचिव संजय पाठक ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोरोना की गाइडलाइन का ख्याल रखा जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य है। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन भी हो रहा है। प्राथमिकता है कि लंबित मुकदमों को जल्द से जल्द निस्तारित कराया जाए। पूर्व अध्यक्ष जगदीश सारस्वत ने बताया कि जमानत, ट्रायल और सजा पर तेजी से काम हो रहा है। मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं से जुड़े मामलों में सजा कराई जा रही है। अधिवक्ता योगेश सारस्वत ने बताया कि पुलिस भी मजबूती से मामलों की पैरवी कर रही है। ये बात सही है कि कोर्टों पर बोझ बढ़ा है, लेकिन हालात अब सुधर रहे हैं तो कामकाज में ताजी भी आ रही है।

 

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