अलीगढ़ ।  जिले के सरकारी अस्पतालों में शनिवार को दूसरे दिन भी कर्मचारियों के दो घंटे के कार्य बहिष्कार से स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गईं। मरीज सुबह रोगी पंजीकरण पर्चा काउंटर पर पहुंचे तो सब कुछ बंद मिला। जिन मरीजों को जांच के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में शनिवार को दूसरे दिन भी कर्मचारियों के दो घंटे के कार्य बहिष्कार किया।बुलाया गया था, उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा। गर्मी व उमस ने मरीजों को और परेशान किया। स्वास्थ्यकर्मियों की मरीजों-तीमारदारों से की जगह तीखी नोकझोंक भी हुई। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रखी गईं।

सुबह से ही जुटी मरीजों की भीड़

कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर जिला अस्पताल, दीनदयाल चिकित्सालय व महिला अस्पताल में सुबह से ही मरीजों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त, डायरिया, खांसी, बुखार व अन्य संक्रामक बीमारियों के आए, लेकिन पर्चा काउंटर की खिड़की ही नहीं खुली थी। ऐसे में डाक्टरों ने ओपीडी में कुछ पुराने मरीजों को ही देखा, मगर एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, खून व अन्य जांच नहीं हो पाईं। जिला मलखान सिंह चिकित्सालय में भी कर्मचारियों ने सुबह आठ से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार किया। इससे करीब 11 बजे स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हुईं। नर्सेज संघ की जिलाध्यक्ष राधा रानी वर्मा व डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के मंत्री मुकेश गुप्ता ने कहा कि 11 जुलाई तक दो घंटे का सांकेतिक कार्य बहिष्कार चल रहा है, इसके बाद अनिश्चतकालीन कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। चिकित्सक सेवा संघ के डा. राम बिहारी, डा. एसके वर्मा, डा. प्रदीप कपूर, डा. राजेंद्र बंसल, प्रभारी अधिकारी फार्मेसी एमपी सिंह, वीपी राजोरिया, अनिल कुमार शर्मा आदि भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

इन लोगों ने किया विरोध

दीनदयाल अस्पताल में भानुप्रताप सिंह, संतोष कुमार शर्मा, शमशाद अहमद, पंकज वर्मा, अंकित यादव, संजीव सिंघल, गजेंद्र, मनोज गौतम, बौबी शर्मा व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ओपीडी, वार्ड व अन्य कक्षों को छोड़कर परिसर में इकट्ठा हो गए। उन्होंने शासन की स्थानांतरण नीति का विरोध किया।

 

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