देहरादून : ठगी करने वाले विदेशी लोग क्रिप्टो करंसी के माध्यम से धन को हासिल करते हैं। विभिन्न एक्सचेंज के माध्यम से यह धन पहले क्रिप्टो करंसी, फिर डॉलर और इसके बाद चीनी मुद्रा युयान व अन्य मुद्राओं में बदला जाता है।
एसटीएफ के मुताबिक इस बात के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं कि यह धनराशि चीन भेजी गई है। जल्द ही कुछ और बड़ा खुलासा भी किया जा सकता है। एसटीएफ उत्तराखंड ने इस संबंध में केंद्रीय एजेंसियों से भी संपर्क किया है ।दरअसल, एप के माध्यम से जमा किया गया पैसा सीधे तौर पर विदेश में नहीं भेजा जा सकता है।
इसके लिए कुछ भारतीय और कुछ विदेशी एक्सचेंज एप्लीकेशन का सहारा लिया जाता है। क्रिप्टो करंसी के लेनदेन में भी इन एप्लीकेशन का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह से यह ठग भी इन एक्सचेंज एप्लीकेशन माध्यम से धनराशि को क्रिप्टो करंसी में बदलते हैं। इसके बाद इन्हें डॉलर आदि करंसी में बदला जाता है।
एसटीएफ के मुताबिक इस तरह के फ्रॉड से संबंधित 20 शिकायतें और मिली हैं। इन सभी शिकायतों की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि एसटीएफ इस मामले में जल्द ही कुछ बड़ा खुलासा भी कर सकती है।
डीआईजी एसटीएफ डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि इस पूरे खेल में भारतीयों का इस्तेमाल किया गया है। बैंक खाते, मोबाइल और कपंनियां भारतीयों के नाम पर हैं। यहां तक की मोबाइल एप्लीकेशन भी भारतीयों के नाम पर हैं, लेकिन धनराशि चीन में ट्रांसफर की गई है। इस बात के एसटीएफ के पास पुख्ता साक्ष्य हैं।
बैंगलुरू पुलिस भी कर रही एक मामले में जांच
सूत्रों के अनुसार बैंगलुरू पुलिस भी इसी तरह के एक मामले में जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि वहां की पुलिस के पास भी बहुत बड़ी लीड है। इससे वह भी जल्द एक बड़ा खुलासा कर सकती है। इस मामले में एसटीएफ उत्तराखंड भी लगातार बैंगलुरू पुलिस के साथ संपर्क में है। वहां की पुलिस की ने भी मंगलवार को हुए इस खुलासे के बाद जानकारियां जुटाई हैं।
एक विदेशी नागरिक की हो चुकी है पहचान
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार इस मामले से जुड़े एक विदेशी नागरिक की पहचान भी हो चुकी है। हालांकि, वह नागरिक भारत में रहता है या फिर कहीं और इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है।
आरोपी के पास से बरामदगी
19 लैपटॉप
592 सिम कार्ड
05 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के
04 एटीएम कार्ड
01 पासपोर्ट