संतुलित भोजन एवं नियमित शारीरिक कार्य अच्छे स्वास्थ्य के मूलमंत्रः डॉ. बी. के. एस. संजय
देहरादून : इंडियन ऑर्थोपीडिक एसोशियेसन के बोन एवं ज्वाइंट वीक के अवसर पर संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, देहरादून एवं सेवा संस्था एक निःशुल्क कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। जिसकी रुपरेखा इस तरह से है जिसमें 1 अगस्त को जनजागरूकता व्याख्यान वेबीनार, 2 अगस्त को आकाशवाणी पर साक्षात्कार, 3 अगस्त को निःशुल्क बी.एम.डी. जांच, 4 अगस्त को निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श शिविर, 5 अगस्त को निःशुल्क पोलियो ऑपरेशन, 6 अगस्त को निःशुल्क घुटनों के ऑपरेशन तथा 7 अगस्त को समापन कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
एम्स अस्पताल, ऋषिकेश के डॉ. पंकज कण्डवाल एवं डॉ. आर. बी. कालिया, मैक्स अस्पताल के डॉ. हिमांशु कोचर, कोरोनेशन अस्पताल के डॉ. एस. एन. सिंह, ब्रिज ट्रोमा सेंटर के डॉ. मयंक जैन, संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर के डॉ. गौरव संजय एवं डॉ. बी. के. एस. संजय वेबिनार के वक्ता हैं। जिसकी जानकारी उत्तराखण्ड एसोशियेसन के संस्थापक अध्यक्ष, गिनीज एवं लिम्का रिकार्ड होल्डर डॉ. बी. के. एस. संजय ने प्रेस विज्ञाप्ति के माध्यम से जानकारी दी।
पद्म श्री से सम्मानित ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ‐ बी. के. एस. संजय ने बताया कि पिछले 40 सालांे में आर्थोपीडिक के मरीजों के ढंग एवं प्रकार बदल गया है। पहले जोड़ों और पैरों के टेढ़ेपन के कारण पोलियो एवं सी.पी. मुख्य कारण थे लेकिन आज सड़क दुर्घटनाओं के दुष्परिणामों के कारण हाथ-पैरों एवं कमर के टेढ़ेपन एवं विकलांगता की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वैसे तो शास़्त्रों मे भी कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति का जन्म है तो उसमें विकास, बीमारी, बुढ़ापा एवं मृत्यु निश्चित ही है। इस तरह से जोड़ो़ं का घिसना एवं उनका टेढ़ा होना स्वभाविक समस्या है लेकिन आजकल लोगों की जीवन शैली में जैसे कि मोटापा, डायबीटिज हायपरटेंशन, धू्रमपान एवं शराब के नशे के कारण ऑर्थराइटिस की समस्या पहले से ज्यादा आ रही है।
इण्डिया बुक रिकार्ड होल्डर आर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने बताया कि इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए हमें संतुलित भोजन एवं ज्यादा से ज्यादा शारीरिक काम प्रतिदिन नियमित रूप से करना चाहिए। इसके अतिरिक्त लोगों को लगभग 8 घंटे नींद लेनी चाहिए। आज की दौड़ती-भागती जीवनशैली, दैनिक दिनचर्या में खान-पान का अभाव न केवल हमें शारीरिक समस्याऐं दे रही है। इसके लिए योगासन एवं प्राणायाम जैसी योग क्रिया इन सब समस्याओं से बचने में बहुत मददगार साबित होगी।
डॉ‐ गौरव संजय ने यह भी बताया कि जैसे की जोडो़ं का टेढा़ होना एक स्वभाविक समस्या है जो कि लोगों में दर्द एवं सूजन पैदा करती है और जिसको ठीक करने के लिए दवाईयाँ, कसरत, सिर्काइं जैसी चीजें यदि काम नहीं करती तो ऐसे में ऑपरेशन कराने की आवश्यकता होती है। इनमंे ऑपरेशन जैसे कि रिअलाइनमेंट तथा रिप्लेसमेंट बहुत कामयाब ऑपरेशन है। हम लोग आज अपने अनुभव से निश्चित तौर से कह सकते है कि ऑपरेशन के परिणाम बहुत संतोषजनक एवं उम्मीद के मुताबिक है।
Sanjay Orthopaedic, Spine & Maternity Centre
20/3, Doon Vihar, Jakhan, Rajpur Road,
Dehradun, Uttarakhand
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