जिम्मेदार अफसरों और जनप्रतिनिधि के आवासो से चलकदमो दूर है यह बस्ती

मॉर्निंगबाक के लिए बगल से गुजरते अधिकारी और विधायक

उरई जालौन- बार्ड संख्या 17 नही बस्ती सुशील नगर 12 नम्बर ट्यूवेल के निकट जल निकासी ठीक से न होने से थोड़ी सी वारिस होने पर ही पूरी बस्ती जलमग्न हो जाती है।घर के लोग घर वाहर के लोग वाहर ही रह जाते है।जबकि कहने को है कि सदर विधायक एवं ऑफिसर्स सुवह होते है इसी बस्ती से गुजर कर मॉर्निंग वॉक के लिए प्रतिदिन गुजरते हैं।मुहल्ले वासियों की माने तो विधायक ,सभाषद चेयरमैन सहित जिम्मेदार अफसरों को इस बस्ती के वारे में कई बार वताया जा चुका है।यही नही बस्ती आज कल अखवारों और चैनलों की सुर्खियां भी हुई है।इसके बाबजूद को निस्तारण नही हो सका।

देर रात्रि से हो रही रिमझिम बारिष ने नई बस्ती में तवाही मचा दी।लोग घर से बाहर निकलने के लिए मजबूर हो गए है।मुहल्ले वासियों में शिव कुमार सविता,रामू पेन्टर,जय सिंह,कल्याण सिंह राठौर, टीकाराम फौजी रिंकू प्रजापति,टिंकू पाल,लक्ष्मण पाल

विश्वकर्मा,मनोज शिवहरे, हरिशंकर याज्ञिक, पवन सविता, रचना सिंह,ब्रज किशोर ,बर्मा रवि कुशवाहा ,आदि सैकड़ो मुहल्ले वासी जल निकासी, रास्त ,विधुत ब्यबस्था ,पेयजल ब्यबस्था ठीक से न होने के कारण दल दल की जिंदगी से शहर में रहकर गाँव से बत्तर जी रहे है।मुहल्ले के कुछ दबंग लोगो ने विना पैमास किये सरकारी नाली ही बैंच डाली कुछ ने कब्जा कर लिया।जिससे जल निकासी पूरी तरह जाम हो गई है।निकलने के लिए रास्ता और विजली पेयजल ब्यवस्था दूरस्थ की जाए जिससे नई बस्ती के लोग भी शहर में रहकर शहरी लाभ उठा सकें जिससे उनके बच्चे भी समय से स्कूल पहुँच सके।इनकी मांग है ग्रामीण क्षेत्र की बिजली न देकर शहरी बिजली दी जाए ।क्योंकि यह बाशिन्दे शहरी विधुत विल भुकतान करते है और गंदे पानी मे घुसकर मैन सड़क पर पहुँचते है।बच्चे स्कूल जाते है कपड़े उनके रास्ते मे ही गन्धे हो जाते है।इस छुटकारा दिलवाया जाए।शर्म की बात यह है अधिशासी अधिकारी विमला पति,नगरपालिकाध्यक्ष अनिल बहुगुड़ा ,सभाषद प्रतिनिधि अनुराग दाऊ उक्त बस्ती का कई वार मुहाना कर ब्यबस्था को परख चुके है ।इसके बाबजूद व्यबस्था जश की तस बनी ही है।

जलमग्न बस्ती रास्ते भी डूबे

बीच बस्ती में घना खड़ा घास

बॉक्स

संक्रमण जैसी बीमारी मलेरिया बिभाग की लापरवाही से फैल सकती

उरई – बताते चले कि बार्ड संख्या 17 देवेन्द्र कुशवाहा पत्रकार दैनिक जागरण के मकान के आस पास जो पूरी साल गन्दा जल भरा रहता है।जिसमे मच्छरों के अलावा जहरीले कीडे सिर्फ,विसखापर, सर्फ हमेशा बने रहते है।मलेरिया बिभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को लिखित पत्र दिए गए लेकिन एक भी बार कीटनाशक दवा का छिड़काव नही कराया है।यदि उक्त कोई बीमारी फैलती जिसका जिम्मेदार मलेरिया बिभाग होगा। वर्तमान में वायरल फीवर चल रहा है।यह भी विकराल रूप ले सकता है।जिसे नियंत्रण के लिए जिम्मेदारों का ध्यान आकर्षित भी कराया जाता है।

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