प्रयागराज, एजेंसी लखनऊ में अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपित पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह ने प्रयागराज में आत्मसमर्पण कर दिया है। धनंजय सिंह ने प्रयागराज की एमपी/एलएलए कोर्ट में शुक्रवार को दिन में करीब 12 बजे आत्मसमर्पण किया है।

जौनपुर से बसपा से सांसद रहे बाहुबली धनंजय सिंह के खिलाफ अजीत सिंह की हत्या के मामले में लखनऊ के विभूति खंड थाना में केस दर्ज है। धनंजय की गिरफ्तारी को लेकर लखनऊ में कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपए का इनाम रखने के साथ ही इनकी सारी अवैध संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी कर ली थी।

लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हुई सनसनीखेज हत्या के षड्यंत्रकारी के रूप में चिह्नित फरार जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित होते ही शुक्रवार को दोपहर में एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। यूपी एसटीएफ की टीमें लखनऊ, हैदराबाद के अलावा गृह जनपद जौनपुर में भी उनकी तलाश में जुटी थी। अन्य जिलों की पुलिस भी संभावित स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश दे रही थी। इसके साथ ही उनकी चल-अचल संपत्ति कुर्क किए जाने की भी प्रक्रिया शुरू की जा रही थी।

दो वाहनों से चार लोगों के साथ समर्पण करने आया था धनंजय: 

बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह शुक्रवार को एमपी, एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने चार पहिया दो वाहनों से पहुंचा था। विकास भवन के पास वाहन से उतरा और चुपचाप अपने तीन साथियों के साथ कचहरी में दाखिल हो गया। सभी लोग गमछे से सिर ढंके हुए थे। ये सभी कचहरी में सीधे एमपी, एमएलए कोर्ट के बाहर पहुंचे। यहां आपस में बातचीत की और फिर अपने अधिवक्ता के साथ धनंजय सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। धनंजय सिंह पर दो दिन पहले ही लखनऊ पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। धनंजय सिंह अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपित है। वह इस मामले में फरार था, लेकिन कोर्ट में उसने इस मामले में आत्मसमर्पण नहीं किया, बल्कि जौनपुर के एक पुराने मामले में उसके जमानतदार ने अपनी जमानत वापस ले ली, जिस पर पूर्व सांसद ने कोर्ट में समर्पण कर दिया।

धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट में खुद ही पेश की अपनी हिस्ट्रीशीट:

इसके पूर्व लाकडाउन के दौरान जिले में रंगदारी के लिए नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट के सशर्त जमानत मंजूर किए जाने पर पिछले साल 27 अगस्त को धनंजय सिंह जेल से रिहा हुए थे। लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डाक्टर के रिमांड के दौरान दिए गए बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर धनंजय सिंह को अजीत सिंह हत्याकांड में मुख्य षड्यंत्रकारी बनाया गया है। जमानत अर्जी के साथ धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट में खुद ही अपनी हिस्ट्रीशीट पेश की थी। हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामा में धनंजय ने हवाला दिया कि उनके विरुद्ध कुल 38 केस दर्ज हैं। इनमें से 24 में वह अदालत से बरी हो चुके हैं। एक मुकदमे में वह डिस्चार्ज हैं। चार मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है। तीन केस सरकार की तरफ से वापस हो चुके हैं। धनंजय सिंह रारी से 2002 व 2007 में दो बार विधायक व जौनपुर से बसपा से 2009 में सांसद भी थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *