अलीगढ़, संवाददाता। रोटी, कपड़ा व मकान तीनों मानवीय जीवन के लिए जरुरी होता है। रोटी व मकान की कीमतें पहले से आसमान पर हैं। एक जनवरी से कपड़ा और महंगा हो जाएगा। इसके पीछे सरकार द्वारा कपड़े पर पांच से 12 प्रतिशत जीएसटी की दर कर देना है। इसके चलते कपडे की सात से 10 प्रतिशत तक कीमतों में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। जीएसटी काउंसिल ने जब यह नई दरें घोषित की थीं, तब से इस कर की वृद्धि का कपड़ा कारोबारी दि अलीगढ़ क्लाथ मर्चेंट एसोसिएशन की अगुवाई में प्रदर्शन कर रहे हैं।
व्यापारियों ने शुरू किया जीएसटी की नई दरों का विरोध
20 दिन पहले से अलीगढ़ के कपड़ा कारोबारियों ने जीएसटी की नई दरों का विरोध करना शुरू कर दिया था। दी अलीगढ़ क्लाथ मर्चेंट एसोसिएशन के आह्वान पर व्यापारियों ने जीएसटी के विरोध में अपनी दुकान व शोरूम पर जीएसटी के विरोध में होर्डिंग्स व फ्लेक्स लगाए हैं। इस होर्डिंग्स व बैनरों पर एक और मंहगाई के लिए तैयार रहे आमजन स्लोगन भी लिखा हुआ है। यह आंदोलन जनसहभागिता न होने पर जोर नहीं पकड़ पा रहा।
जीएसटी वृद्धि वापसी की अपील
दी अलीगढ क्लाथ मेर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल की अगुवाई में पिछले दिनों सांसद सतीश गौतम को पीएम नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम ज्ञापन सौंपा था। सांसद गौतम ने भी प्रदर्शन के दौरान ही पीएम व केंद्रीय वित्तमंत्री को दो अलग अलग पत्र लिखे। इसमें आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए कपड़ा पर जीएसटी वृद्धि वापसी का अनुरोध किया गया है। सांसद ने कारोबारियों को यह भी भरोसा दिया है, कि वे केंद्रीय वित्तमंत्री से व्यक्तगत मिलकर जीएसटी वृद्धि वापसी की पुरजोर अपील करेंगे।
बैनर टांगकर जताया विरोध
एसोसिएशन के सरंक्षक मंडल के राज कुमार गुप्ता, अरुण अग्रवाल स्वदेशी, प्रेम अरोरा व बलदेव राज अरोरा ने बताया है कि पिछले दो साल से कपड़ा कारोबारी तमाम विसंगतियों से जूझ रहे हैं। कारोबार में भी भारी मंदी का दौर रहा है। सरकार ने अगर जीएसटी वृद्धि को लागू कर दिया तो व्यापारियों को सात से 10 फीसद पैसों का अधिक निवेश करना पड़ेगा। हमने कपड़ा पर लगी जीएसटी का विरोध का नयाब तरीका से दुकान, शोरूम पर होर्डिंग्स लगाकर व बाजारों में वैनर टांग कर नई दरों का विरोध किया, मगर जनसहभागिता न होने के चलते यह आंदोलन सफल नहीं हो रहा। हमारे प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के संगठनों ने अभी हार नहीं मानी। कोर कमेटी के उपाध्यक्ष राकेश जैन व दिलीप वार्ष्णेय, सचिव कौशल किशोर वार्ष्णेय, कोषाध्यक्ष मनोज वार्ष्णेय, सहसचिव अरुण बंसल व सतनाम सिंह ने जीएसटी की नई दरों को वापस लेने की पुर जोर मांग की है।