सम्वाददाता द्वारा
अलीगढ़ । थाना चंडौस कस्बे के रामलीला मैदान और मस्जिद के निकट मौजूद नगर पंचायत की जमीन को लेकर दो समुदायों के बीच लम्बे समय से चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया। मतभेद को लेकर गुरुवार को एसडीएम प्रवीण यादव द्वारा बैठक कर स्पष्ट कर दिया गया कि उक्त जमीन किसी भी पक्ष की ना होकर नगर पंचायत की ही है।
यह है मामला
बता दें कि चंडौस में रामलीला मैदान एवं मस्जिद के निकट मौजूद जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। इसको लेकर मुस्लिम समाज का कहना था कि यह मस्जिद व कब्रिस्तान की जमीन है।और यहां पुरानी कब्र भी बनी हुई है।जहां 500 साल पुरानी मस्जिद भी है। इस पक्ष का आरोप था कि प्रशासन एवं भाजपा नेता द्वारा मनमाने तरीके से यहां बाउंड्री कराई जा रही है। हमारी कोई नहीं सुन रहा है। इन आरोपों को लेकर एक युवक द्वारा एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया गया था। रामलीला कमेटी द्वारा इस जमीन को रामलीला प्रांगण की बताए जाने की बात सामने आ रही थी।जिसको लेकर मामला प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच गया। जिसके चलते एसडीएम ने मौके पर पहुच कर जायजा लिया गया। कुछ दिन पूर्व इस जमीन पर न्याय पंचायत द्वारा नापतोल करा कर इस जमीन को अपनी बताते हुए बाउंड्री कर पार्क बनाने का का कार्य शुरू कराया गया है।
सख्त कार्रवाई होगी
गुरुवार को एसडीएम गभाना प्रवीण यादव एवं कोतवाली प्रभारी सुरजन सिंह ने दोनों पक्षों के प्रमुख लोगों को कोतवाली बुलाकर उनकी बात सुनी और स्पष्ट किया कि उक्त भूमि नगर पंचायत की है।धार्मिक स्थल से ये जमीन काफी हटकर है। किसी भी धार्मिक स्थल की जमीन पर कोई कब्जा नहीं किया जा रहा है।नगर पंचायत की जमीन है। नगर पंचायत द्वारा ही ईटें डाली गई हैं और कब्जा लिया गया है। उन्होंने दोनों पक्षों को सरकार का रुख स्पष्ट कराते हुए कहा कि यदि इसमें किसी ने अड़चन पैदा की या शरारती तत्वों द्वारा उपद्रव किया गया तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।