बदायूँ : 28 जून। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र अगस्त, 2023 हेतु प्रवेश की प्रक्रिया दिनांक 09 जून 2023 से प्रारम्भ हो गयी है, जिसका प्रचार-प्रसार विभागीय स्तर पर आई०टी०आई० चलो अभियान को संचालित कर किया जा रहा है। आई०टी० आई० चलो अभियान कार्यक्रम की सफलता हेतु यह आवश्यक है कि जनपद स्तर पर विभिन्न विभागों/कार्यालय के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि सुदूर ग्रामीण अंचलों के युवा भी लाभान्वित हो सके।

उन्होंने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा और तकनीकी कौशल व्यक्ति के साथ-साथ समाज व देश के समावेशी विकास की रीढ़ है। व्यक्ति के लिये मात्र शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है,बल्कि आजीविका के लिये हुनरमन्द व तकनीकी शिक्षा से सम्पन्न होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की मेक इन इण्डिया, स्टार्ट-अप एण्ड स्टैन्ड-अप तथा डिजिटल इण्डिया आदि योजनाओं की सफलता का ऊर्जा स्रोत व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल प्रशिक्षित युवा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के सर्वांगीण विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कटिवद्ध है, जिसके माध्यम से उत्पन्न होने वाले रोजगार के अवसरों से प्रशिक्षित युवा जनशक्ति की आपूर्ति प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा प्रशिक्षित युवाओं के माध्यम से की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सृजित हो रहे रोजगार के अवसरों के अनुकूल प्रशिक्षण की सुविधा हेतु राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की उपयोगिता स्वतः सिद्ध है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्थापित कुल 305 राजकीय आई०टी०आई० में संचालित 70 व्यवसायों में प्रवेश हेतु 120967 सीटें उपलब्ध हैं। प्रदेश में स्थापित कुल 2905 निजी आई0टी0आई0 में संचालित 51 व्यवसायों में प्रवेश हेतु 409468 सीटें उपलब्ध है।

महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु 12 विशिष्ट राजकीय आई०टी०आई० के अतिरिक्त 47 महिला शाखाएं स्थापित है। प्रदेश में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 43 राजकीय आई०टी०आई० स्थापित है। शासनादेश के अनुसार प्रत्येक व्यवसाय की समस्त प्रवेश सीटों पर नियमानुसार आरक्षण की व्यवस्था है।

सैनिक आश्रित 5 प्रतिशत, दिव्यांगजन 4 प्रतिशत व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित हेतु 2 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था है। महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था है।

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