आगरा । राजस्थान में मूसलाधार बारिश से बाह तहसील क्षेत्र में चंबल नदी खतरे के निशान पर बह रही है। 12 गांवों में बाढ़ग्रस्‍त होने से उनका संपर्क कट गया है। रास्ते जलमग्न हो गए हैं। गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, मऊ की मढ़ैया, गुढ़ा समेत सात गांवों में आवाजाही बंद है। शहर में यमुना लाल निशान से दो कदम दूर बह रही है। बुधवार को वाटरवर्क्स पर जलस्तर 492 फीट पहुंच गया। 495 फीट लो फ्लड लेवल है। यमुना उफनने से दयालबाग, मोहनपुर, खासपुर, बाईपुर मुस्तकिल समेत एक दर्जन गांव में खेत पानी में डूब गए हैं। गोकुल बैराज से रिकार्ड 49281 क्यूसेक पानी आगरा की ओर यमुना में छोड़ा गया है। बुधवार को डीएम प्रभु एन सिंह ने प्रभावित गांवों में हालातों का जायजा लिया। बाढ़ग्रस्‍त गांव में स्टीमर से आवाजाही शुरू कराई है।

तीन मीटर खतरे के निशान से ऊपर

आगरा के बाह तहसील क्षेत्र में 2019 के बाद चंबल नदी रौद्र रूप में है। 2019 में चंबल नदी में जल स्‍तर 136 मीटर दर्ज क‍िया गया था जबकि चेतावनी बिन्दु 132 मीटर है। बुधवार को जल स्‍तर 133.7 मीटर दर्ज क‍िया गया, जो चेतावनी ब‍िेेेदु से 1.7 मीटर अधिक है। चेतावनी ब‍िंंदु का पार करने का असर हुआ क‍ि बुधवार सुबह तक बाह क्षेत्र के गांव गोहरा गुड़ा, रानीपुरा, भटपुरा, झरना पुरा, उमरेठापुरा, क्योरी, बीच का पुरा, कछियारा, रेहा, डागोरा आदि गांव का बाह तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। ये सभी गांव चंबल नदी से लगे हैं। घरों में पानी घुसने पर लोग अपना सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने लगे। प्रशासन ने तटवर्ती गांव में चौकियां स्थापित की हैं।

डीएम ने बताया क‍ि जिन गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूटा है, उन गांवों में स्टीमर से प्रशासनिक टीम बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही है। एसडीएम अब्दुल बासिद ने बताया कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। हर संभव मदद की जाएगी।

 

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