चंदौसी (संभल) । जिले में करीब 3200 हेक्टेयर में आम के बाग हैं। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते आम के अच्छे दाम किसानों को नहीं मिल पाए थे। इस समय आम की फसल पर बौर आ रहा है। बौर को देखकर किसान भी खुश हैं, लेकिन शुरूआत में बौर पर रोग लगने व कीटों के आने का खतरा रहता है। उद्यान अधिकारी भी किसानों को आम के बौर को कीटों से बचाव की सलाह दे रहे हैं।
संभल जिले के नरौली, बनियाठेर, सिरसी, असमोली रोड, संभल और चंदौसी में अधिकांश भाग पर आम के बाग हैं। जिसका रकबा करीब 3200 हेक्टेयर है। यहां से आसपास के जनपद, पूर्वी जिलों के अलावा पड़ोसी राज्यों में भी आम भेजा जाता है। इससे बागवानों को अच्छा मुनाफा होता है। पिछले दो साल कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगा हुआ था। जिस कारण संभल से आम बाहर नहीं भेजा जा सका था और किसानों ने काफी नुकसान झेला था। वर्तमान समय में पेड़ों पर बौर आने लगा है, जिससे देखकर किसान खुश हैं और उन्हें इस बार राहत मिलने की उम्मीद है। बाग मालिक कुंवर पदमेंद्र सिंह, सचिन चौधरी ने बताया कि इस बार मौसम अनुकूल है और बौर भी अच्छा आ रहा है। बागों में किसान स्प्रे करा रहे हैं। मौसम ने साथ दिया तो इस बार अच्छी पैदावार होगी।
रोग और कीटों से ऐसे करें बचाव
जिला उद्यान अधिकारी सुघर सिंह ने बताया कि इस समय आम के पेड़ पर बौर आना शुरू हो गया है। इस समय बौर पर रोग व कीट तेजी से हमला करते हैं। अच्छे उत्पादन के लिए पेड़ों पर उर्वरक का प्रयोग करना जरूरी है। किसान दो किलो यूरिया, एक किलो डीएपी, डेढ़ किलो पोटाश, 250 ग्राम कॉपर सल्फेट, 250 बोरेक्श का मिश्रण बनाकर पेड़ों की जड़ों में डालकर सिंचाई करें। किसान विभागीय अधिकारियों से भी बागों में लगने वाले कीट व रोग से बचाव की जानकारी हासिल कर सकते हैं।