मेरठ : पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के बाद अब मेरठ से बिहार तक का सफर भी अगले चार वर्षों में आसान हो जाएगा। मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को बलिया तक बनाया जाना है। बलिया से बिहार राज्य की सीमा शुरू हो जाती है।
प्रदेश सरकार का लक्ष्य है पश्चिम से पूर्व तक की दूरी एक्सप्रेसवे के माध्यम से पांच से छह घंटे में पूरी हो सके। इसके लिए यूपीडा ने एक्सप्रेसवे का जाल बिछा दिया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे का सबसे अधिक एलाइनमेंट उन्नाव में ही है। इसके अलावा गंगा एक्सप्रेसवे से सात अन्य हाइवे भी लिंक हो रहे हैं।
गंगा एक्सप्रेसवे के लिए मेरठ में नौ गांवों की 181 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। मेरठ में भूमि क्रय की प्रक्रिया लगभग पूरी की जा चुकी है। अब मात्र 23 हेक्टेयर भूमि को क्रय किया जाना है। इसके लिए सामाजिक आद्यात की रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है। जिससे किसानों के बीच जाकर उन्हें एक्सप्रेसवे की खासियत बताई जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज शहरों को शामिल किया गया है।
अगले महीने प्रधानमंत्री करेंगे शिलान्यास
विधानसभा चुनावों की आचार संहिता में लगभग एक-दो महीने का समय बचा है। अगले महीने दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे। इस पूरे चरण में सरकार का दावा है कि 94 प्रतिशत भूमि का क्रय किया जा चुका है। मेरठ में कृषि विश्वविद्यालय में शिलांयास कार्यक्रम को किया जाना संभावित है।
ये है यूपीडा का प्लान
पहला फेज : मेरठ से प्रयागराज तक, 594 किमी
दूसरा फेज : प्रयागराज से बलिया, 314 किमी
लखनऊ रिंग रोड से जुड़ेंगे आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
यूपीडा के मानचित्र के अनुसार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से उन्नाव से गुजारते हुए लखनऊ रिंग रोड से जोड़ने की कार्ययोजना है। यहां से यह सीधा पूर्वांचल एक्सप्रेस से जुड़ जाएगा। इसी स्थान पर लखनऊ रिंग रोड निर्माण को प्रस्तातिव किया गया है। वहीं, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से ही गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को प्रस्तावित किया गया है।