लखनऊ । उत्तराखंड के चमोली में आपदा की जद में आए ऋषिगंगा और तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में काम रहे रहे लापता श्रमिकों व कार्मिकों की खोज के साथ वहां पर राहत कार्य को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन मंत्रियों का समूह भेजा है। इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के नेतृत्व में प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों की टीम उत्तराखंड शासन के साथ समन्वय करेगी।

उत्तराखंड में बड़ी आपदा में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद चिंतत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार अपने प्रदेश के नागरिकों सहित सभी प्रभावितों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। इसके दृष्टिगत उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से दूरभाष पर वार्ता कर उनको उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिया है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तराखंड की बड़ी आपदा में राहत कार्य में मदद देने के लिए कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी व बाढ़ राहत राज्यमंत्री विजय कश्यप को उत्तराखंड भेजा है। यह मंत्री त्तराखंड में हादसे वाली जगह का दौरा करेंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार से सम्पर्क करके आपदा पीडि़तों को सहायता उपलब्ध कराएंगे।

सीएम योगी ने गृह विभाग को निर्देशित किया कि प्रत्येक प्रभावित परिवार से संपर्क कर उनकी हर संभव मदद की जाए। सहारनपुर के मंडलायुक्त और आईजी जोन को खोज-बचाव व राहत कार्यों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। वहीं, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा को उत्तराखंड सरकार से समन्वय बनाकर प्रदेश के प्रभावित-लापता व्यक्तियों की खोज-बचाव अभियान के पर्यवेक्षण का जिम्मा सौंपा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड शासन और प्रशासन से समन्वय स्थापित करने के लिए अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम बनाई है। वहां पर फंसे लोगों की सहायता के लिए लखनऊ में राहत आयुक्त कार्यालय में 24 घंटे संचालित रहने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिसका नंबर हेल्पलाइन नम्बर 1070 है।

लखनऊ में राहत आयुक्त कार्यालय में राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को क्रियाशील कर दिया गया है। प्रदेश के लापता व्यक्तियों के परिजन लापता व्यक्ति का विवरण राहत हेल्पलाइन-1070 व व्हॉट्सएप नंबर 9454441036 पर दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही आपदा प्रभावित उत्तर प्रदेश के जनपदों में भी कंट्रोल रूम स्थापित हैं। जहां प्रशासन, पुलिस और सिंचाई विभाग के कर्मचारी 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एक कंट्रोल रूम हरिद्वार में भी स्थापित किया गया है। चमोली के पावर प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के श्रमिक व कार्मिक कार्य कर रहे हैं। इनमें से कई लापता है, जबकि कुछ के शव मलवे में मिले हैं। ऐेसे में अपने स्वजनों को लेकर संबंधित परिवारों में चिंता बनी हुई है।

मृतक आश्रितों को दो-दो लाख: 

सीएम योगी आदितत्यनाथ ने चमोली हादसे में मृत प्रदेश के लोगों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपया मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से आॢथक के मदद रूप में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ घायलों के लिए समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। आपदा से प्रभावित हुए प्रदेश के परिवारों की सहायता के लिए राहत आयुक्त कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित है। उत्तराखंड सरकार से समन्वय के लिए प्रदेश सरकार के दो अधिकारियों को देहरादून भेजा गया है।

उत्तराखंड में फंसे मेरठ के युवक ने बताई आपबीती: 

उत्तराखंड त्रासदी के दौरान लापता हुए मेरठ के युवकों की सुरिक्षत लोकेशन सोमवार रात मिल गई थी लेकिन स्वजन परेशान थे कि उनसे बात नहीं हो पा रही। इनमें चार मेरठ, पांच अमरोहा व एक बिजनौर का युवक है। मंगलवार सुबह 11:30 बजे उत्तराखंड से जब एक युवक ने स्वजन को फोन किया तो घर का माहौल बदल गया। युवक ने बताया कि वह सुरक्षित तो हैं लेकिन अभी रैनी गांव के पास फंसे हुए हैं। वहां फंसे रोहित प्रजापति के रिश्तेदार सोमपाल ने बताया कि मंगलवार सुबह उनके मोबाइल पर रोहित का फोन आया। रोहित ने कहा कि वह सभी रैनी गांव में फंसे हुए हैं। सभी सुरक्षित हैं, लेकिन उनके पास सोमवार शाम से खाने के लिए कुछ नहीं है। जिस कारण वह परेशान हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *