BUDAUN SHIKHAR

बदायूँ : 08 अगस्त

छोटे बिजनेस किसी भी देश की आर्थिक स्थिति की मजबूती में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। भारत में आज भी कई ऐसे गांव व क्षेत्र है जहां न तो कोई कारखाना है और न ही कोई अच्छे व्यापार हैं। इन कारणों से लोगों को रोजगार के लिए अपने घर से दूर शहर में जाना पड़ता है। पलायन की समस्या एवं बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से भारत सरकार ऐसे क्षेत्रों में छोटे बिजनेस उद्योग कारोबार एवं कारखानों को स्थापित करने के लिए स्टार्ट-अप इण्डिया योजना के माध्यम से रोजगार सृजन, उद्यमिता एवं नवप्रर्वतनो को प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट अप नीति-2017 लागू की है। इस नीति के माध्यम से जो नवयुवक, व्यक्ति अपना कोई भी छोटा-बड़ा कारोबार/बिजनेस करना चाहते हैं, उन्हें सरकार मुद्रा योजनान्तर्गत कम ब्याज़ पर ऋण, वित्तीय सुविधा, मार्गदर्शन, शिक्षा, प्रबन्धन, मार्केटिंग, पूंजी निवेश आदि की जानकारी देते हुये उद्यम स्थापित करा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार आकांक्षी बनने के बजाय रोजगार प्रदाता बनाने का कार्य कर रही है। पूंजी निवेश की शर्तों को आसान बनाते हुये सरकार ने स्टार्ट-अप बिजनेस को बढ़ावा दिया है। जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश सरकार की एक जनपद-एक उत्पाद (ओ.डी.ओ.पी.) नीति के अन्तर्गत स्टार्ट-अप योजना से काफी लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा तथा उद्यमिता को प्रोत्साहन के लिए आईआईटी कानपुर आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, आई0आई0एम0 लखनऊ, नोएडा, बिमटेक, आई0टी0 उपवन, लखनऊ आई0टी, उपवन साहिबाबाद, ए0आई0टी0एच0, बेनेट, यूनिवर्सिटी एमिटी यूनीवर्सिटी ए0के0टी0यू0 आई0बी0हब्स एम0जे0पी0 बरेली एवं के0एन0आई0टी0 सुल्तानपुर में 17 इन्क्यूबेटर्स उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अनुमोदन के उपरान्त कार्यरत हो गये हैं। प्रदेश के सभी मण्डलों में इन्क्यूबेटर्स की स्थापना प्रस्तावित है। वर्तमान में प्रदेश में 1400 से अधिक स्टार्ट-अप  इकाइयाँ कार्यरत हैं तथा इनकी संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
उत्तर प्रदेश में स्टार्ट-अप क्रान्ति को उत्प्रेरित करने के लिए देश के सबसे बड़े स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटर की स्थापना लखनऊ में यू0पी0डी0पी0एल0 की नादरगंज, औद्योगिक क्षेत्र में अवस्थित भूमि पर की जानी है तथा भूमि पर निर्माण कार्य आरम्भ हो गया है।
उत्तर प्रदेश के स्टार्ट-अप के लिए वित्तीय पहुँच सुगम बनाने के लिए 1000 करोड़ रूपये से उत्तर प्रदेश में स्टार्ट-अप फण्ड की स्थापना की गई है तथा इसके लिए सिडबी के साथ समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है।
स्टार्ट-अप नीति के तहत उल्लेखनीय कार्य-प्रदर्शन के लिए भारत सरकार की औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग को स्टार्ट-अप रैंकिंग 2018 के अन्तर्गत ‘एस्पायरिंग लीडर’ के रूप में सम्मानित किया गया है। आई0आई0एम0 परिसर लखनऊ में दिनांक 15 सितम्बर 2018 को  न्च् ैजंतज.नच ब्वदबसंअम ;न्च् च्पजबीपदह ब्ींससमदहमए छमजूवतापदह ंदक म्गीपइपजपवदद्ध का आयोजन लखनऊ मैनेजमेण्ट एसोसिएशन के सहयोग से किया गया।  उक्त कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की लगभग 130 स्टार्ट-अप्स ने प्रतिभाग किया था। कार्यक्रम के अन्तर्गत ैजंतज.नच.च्पजबी.पद.ब्ींससमदहम आयोजित किया गया था जिसमें 09 स्टार्ट-अप्स को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार वितरित किये गये।
मेसर्स आई0बी0 हब्स इन्क्यूबेटर द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से ैजंतज.नच ैबीववस का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया जिसमें 14 स्टार्ट-अप कम्पनियों के लगभग 30 प्रतिभागियों द्वारा 30 दिवसीय आवासीय कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। इसमें स्टार्ट-अप संस्कृति के सभी आवश्यकताओं जैसे कि नवाचार, मार्केटिंग, प्रमोशन, कानूनी पहलू, कस्टमर कॉन्टेक्ट के बारे में प्रशिक्षण देकर मार्केट-रेडी बनाया गया। नव-प्रर्वतन और उद्यमिता परितंत्र को सुदृढ़़ बनाने के लिए तथा स्टार्ट-अप संस्कृति के पोषण हेतु मण्डल स्तरीय कार्यशालायें ‘स्टार्ट-अप एक्सप्रेस‘ आरम्भ की जा रही है जो युवा उद्यमियों को अधिक परिपक्व और इन्क्यूबेशन/वित्तपोषण/अन्य प्रोत्साहन हितलाभों को प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धी बनायेगा।
प्रदेश सरकार द्वारा इन्क्यूबेटर्स एवं स्टार्ट-अप इकाइयों के प्रोत्साहन हेतु सक्रियता से कार्य किया जा रहा है।

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