BUDAUN SHIKHAR
उत्तर प्रदेश
उचित दर बिक्रेता संघ उत्तर प्रदेश की अपील
कोरोना वायरस महामारी मिशन कोविड 19 के संदर्भ में राशन डिपो धारकों के द्वारा एक करुण अपील केंद्र व राज्य सरकार से
मिशन (कॉविड19)अप्रैल 2020 केंद्र व उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार में बैठे प्रधानमंत्री महोदय, केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री, मुख्य मंत्री महोदय, उपमुख्यमंत्री एवं खाद्य मंत्री महोदय, खाध सचिव महोदय के संज्ञान में एक अहम बात राहत की जरूरत हरियाणा के9000 हजार राशन डीलरों को भी
राशन डीलरों की स्थिति उस इंसान जैसी हो गई है कि लोग उससे उम्मीद करते है, लेकिन वास्तव में वह अपने परिवार और राशन की दुकान चलाने के लिए खुद संघर्ष कर रहा है ।
राशन डिपो होल्डर्स की स्थिति ऐसे समझे भीख मांग नही सकता और याचक बन कर दान ले नही सकता
इस पर गंभीरता से विचार की आवश्यकता*
आज लॉक डाउन के चलते 18 दिन होने को आये, पूरा देश घरों में बन्द है, काम काज पूरी तरह लॉक डाउन हो चुके है,गरीब fps डीलर भी इससे बुरी तरह प्रभावित हो चुका है ।
( लॉक डाउन की स्थिति में )
सरकार द्वारा अपने स्तर पर बेहतरीन प्रयास किये जा रहे है, इसमे कोई संशय नही ।
जिसके चलते सभी गरीब परिवारों को भोजन, राशन, मुफ्त खाद्यान्न, 3 गैस सिलेंडर, नकद राशि सहित अनेक प्रकार की सहायता ओर आयुष्मान कार्ड द्वारा भी अपने स्तर पर निम्न तबके को ओर जरूरत मंदों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है ।
अब सवाल यह है कि BPL, गरीब, असहाय, ओर अनेक सरकारी योजनाओं का लाभ तो केवल कुछ लोगो को जो इस दायरे में आते है उनको ही मिल रहा है, लेकिन एक बड़ा तबका जो कि देश की रीढ़ है और सरकार का खास कारिंदा है, और सबसे ज्यादा हर हाल में देश के गरीब तबके की सेवा करता आ रहा है और सबसे ज्यादा उसका संपर्क आम लोगो से सीधा होता है, उसे हम राशन डिपो होल्डर्स के नाम से जानते है, ओर उस राशन डिपो होल्डर्स से सभी को अपेक्षाए भी बहुत ज्यादा रहती है जैसे कि हाल ही में राशन डीलरों के लिये एक एक दिन में 6 आदेश और इनकी पालना करना ” इसी कारण सबसे ज्यादा राशन डिपो होल्डर पिसता जा रहा है ।
इन सबके बावजूद भी किसी सरकार, नेता या अधिकारियों का ध्यान डीपो धारकों की तरफ नही जाता है, डिपो होल्डर को घृणा की दृष्टि से देखा जाता है, यह केसे अपने परिवार के संचालन की उधेड़ बुन के बीच उसका दिन का चैन ओर रात की नींद उड़ी हुवी है, मकान दुकान का किराया भरना स्कूल फीस की चिंता, परिवार में माता पिता भाई बहनों की चिंता आदि आदि पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ भी ज्यादा पड़ता है, उसके बावजूद भी सरकार की तरफ से उसे हमेशा से ही उपेक्षित रखा गया है, उसे – राशन डिपो होल्डर्स को सिर्फ बंधुआ मजदूर समझा गया है, ओर इसी कारण उसको किसी प्रकार की राहत नही दी जाती है ।
आज जब कोरोना महामारी के समय लॉक डाउन के चलते यदि सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा है तो वो केवल ओर केवल राशन डीपो धारकों पर पड़ा है और वही सबसे ज्यादा प्रभावित भी हुवा है, राशन वितरण का कमीशन का पैसा पूरी तरह ब्लॉक हो चुका है, लॉक डाउन के बाद खुलने पर कितने महीनों बाद सरकार देगी इसका भी कोई पता नहीं है , राशन डीपो धारक को दुकान पर काम करने वाले हेल्पर की सेलेरी भी देनी है, सरकारी आदेश है तो जान हथेली पर लेकर राशन वितरण करेंगे सरकार के आदेश हमारे सर माथे पर। बिजली का बिल हर हाल में जमा कराना है, घर और दुकान का किराया भी देना है जो कि आज बहुत ज्यादा है, बच्चो की स्कूल फीस, कालेज फीस, खाने पीने, रसोई गैस, अपने दोपहिया के लिए पेट्रोल, बुजुर्ग माता पिता की दवाइयां व अन्य खर्चे, बहन भाई, बेटी बेटे की जिम्मेदारी भी इन के कंधे पर होती है, राशन डीलर परिवारों में एक कमाने वाला और 5 से 8 खाने वाले होते है ओर उन सबके बावजूद आमदनी 5 से 7 हजार के लगभग । राशन डिपो धारकों के पास जमा पूंजी भी कोई ज्यादा नही है और जो थोड़ी बहुत थी वह धीरे धीरे पूरी होने के कगार पर पहुच रही है ।
अब ऐसे में उसकी मानसिक स्थिति के क्या हालात हो रहे होंगे, उसकी कल्पना सरकार नही कर पा रही है, अब इन डीलरों के परिवार की चिंता सरकार नही करेगी तो फिर कौन करेगा। राशन डीपो धारकों को रात भर नींद नही आती होगी, अपने और अपने परिवार और राशन दुकान (व्यापार) का भविष्य में क्या होगा उसकी कल्पना मात्र से ही उसकी नींद उड़ी हुई है ।*
ऐसे में में सरकार से यह कहना चाहता हूं कि निम्न और जरूरत मंदो की व्यवस्था सरकार द्वारा कर ली गई है, अब एक नजर बैचारे राशन डीपो धारकों की समस्या पर भी डाले, क्योकि उसकी आमदनी पिछले 20 दिनों से जीरो हो चुकी है वे उनके घर खर्च लगातार बदस्तूर जारी है जो कि अब उसकी जेब पर भी भारी पड़ने लग गये है ।
सरकार को इन डीपो धारकों की समस्याओं की तरफ ध्यान देकर उनके लिए भी तात्कालिक राहत के रूप में एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए ।*
*इसके लिये मेरा विन्रम निवेदन 🙏 और सुझाव है कि fps डिपो धारक को तीन माह तक 5/5 हजार रुपये की सहायता कमीसन के अतिरिक्त राशि तुरन्त उनके बैंक खाते में जमा करानी चाहिए, जिससे उन्हें तात्कालिक राहत मिल सके ओर उससे वो अपने परिवार का पालन पोषण कर सके तथा कम से कम 50 लाख का रिस्क कवर बीमा लागू किया जाए जिससे अगर कोई अनहोनी होने पर डिपो धारक के परिवार को आर्थिक सहायता मिल सके ।*
*यह सहायता इस लिए भी जरूरी है कि उसका सरकार की तरफ से जारी किसी भी योजना में उसका नाम नही है, इस कारण उसको कोई सहायता भी नही मिल पा रही है ।*
*राशन डिपो होल्डर्स की इस मानसिक वेदना का सटीक आंकलन नही किया गया तो यह लोग बहुत जल्द डिप्रेशन का शिकार हो सकते है, ओर उस कारण कही उनके परिवार पर कोई बड़ा संकट ना आ जाये ।
सरकार से अनुरोध है कि इस समस्या पर तुरन्त विचार कर इसका समाधान करे, जो कि सरकार के हित में और राष्ट्र हित मे है सर्वोत्तम है ।संकट की इस घड़ी में राशन डीलर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है जनसेवा में ओर हमेशा खड़ा रहेगा
धन्यवाद
चौधरी शीशपाल गोदारा
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
आल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन
एवं प्रदेश अध्यक्ष
ऑल फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन हरियाणा
मोबाइल नंबर 9050004191
समस्त राशन डिपो धारकों की भावनाओ को सरकार तक पहुचाने में मदद करे ।

