बदायूँ : 01 सितम्बर। जनपद में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए 1 से 30 सितंबर तक “एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर” अभियान का दूसरा चरण संचालित होगा। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चलने वाले इस अभियान में गर्भावस्था और प्रसवोपरांत महिलाओं के पोषण पर विशेष जोर दिया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की शुरुआत 1 मई 2022 से 31 मई 2022 तक अभियान चलाया गया था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि जनपद में 1 मई से 30 सितंबर तक चलने वाले अभियान में प्रत्येक गर्भवती व धात्री महिलाओं तक फोलिक एसिड, आयरन फोलिक एसिड, कैल्शियम एवं एलबेंडाजोल की उपलब्धता और दवाओं का सेवन सुनिश्चित करने का कार्य किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक गर्भवती व धात्री महिलाओं को गोलियों के सेवन करने लिए भी जागरूक किया जाएगा। अभियान में मातृ पोषण के लिए आवश्यक दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। स्टाफ नर्स, एएनएम आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर अभियान के मुख्य कार्यकर्ता होंगे।
नोडल अधिकारी, आर0सी0एच0 डॉ. सनोज मिश्र द्वारा बताया कि समस्त स्वास्थ्य इकाइयों की ओ0पी0डी0/आई0पी0डी0, मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक दिवस एवं छाया वी0एच0एस0एन0डी0/यू0एच0एस0एन0डी0 सत्रों के माध्यम से जागरूकता एवं फोलिक एसिड, आयरन फोलक एसिड, कैल्शियम व एल्बेंडाजोल की गोलियों का वितरण किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम प्रबन्धक कमलेश कुमार शर्मा द्वारा बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए माह सितंबर में ‘एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर’ अभियान का दूसरा चरण की शुरुआत हो रही है। अभियान में प्रत्येक गर्भवती व धात्री महिलाओं तक आयरन, कैल्शियम, एलबेंडाजोल व फोलिक एसिड की उपलब्धता और दवाओं का सेवन सुनिश्चित करने का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के लिए भी जागरूक किया जाएगा। समस्त चिन्हित उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का उपचार एवं फॉलोअप किया जाएगा।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि सभी गर्भवती व धात्री महिलाओं में एनीमिया व कैल्शियम की कमी से होने वाले दुष्प्रभावों की रोकथाम, नियंत्रण एवं पोषण संबंधी जानकारी दी जाएगी। बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए व्यापक अभियान का प्रथम चरण “एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर” मई 2022 में चलाया गया था। इसमें गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को आयरन कैल्शियम एल्बेंडाजोल और आयरन फोलिक एसिड गोलियां उपलब्ध कराई गई थी। अभियान के अन्तर्गत आशा कार्यकर्ताओं/ ए.एन.एम./संगिनी/स्टाफ नर्स/सी०एच०ओ० को प्रशिक्षित किया गया है जो गर्भवती महिलाओं में गोलियों के सेवन के प्रति व्याप्त मिथकों व नकारात्मकता का निराकरण करते हुए जागरूकता लायी जाएगी। मातृ स्वास्थ्य व पोषण संबंधी सेवाओं को सभी गर्भवती व धात्री महिलाओं तक उपलब्ध कराना।
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