अलीगढ़, (ब.शि.)।  छर्रा  कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रसैनी के जंगल में गुरुवार को तड़के पेड़ पर संदिग्ध परिस्थिति में युवक के शव को लटकता हुआ देखकर लोगों में सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आस पास गांव के लोगों से युवक की शिनाख्त कराने का प्रयास किया। दोपहर में युवक के शव की पहचान क्षेत्र के ग्राम नगला बादशाह निवासी गोपाल के रूप में हो गई। घटना को लेकर मृतक के स्वजन में कोहराम मच गया। करीब डेढ माह पूर्व दंपती के बीच आपसी विवाद में पत्नी की मौत हो चुकी है। इस तरह चार मासूम बच्चों के सिर से डेढ माह में माता-पिता दोनों का ही साया छिन गया है।

दोपहर में हुई शव की शिनाख्‍त

गुरुवार की तड़के क्षेत्र के ग्राम रसैनी के निकट ग्रामीणों ने खेत में एक पेड़ पर युवक का शव लटका हुआ देखा। लोगों को जानकारी हुई तो धीरे-धीरे वहां पर भीड़ एकत्रित हो गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों से युवक की शिनाख्त कराई। परंतु पहचान नहीं हो सकी। शव पेड़ पर शर्ट के फंदे द्वारा लटका हुआ था। मौके पर मौजूद लोगों द्वारा आशंका वयक्त की जा रही थी कि हत्या करने के बाद शव को पेड़ पर लटका दिया गया है। दोपहर में पुलिस शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजने की तैयारी कर रही थी, तभी जानकारी पाकर थाने पहुंचे ग्राम नगला बादशाह के लोगों ने युवक की पहचान गोपाल (35) पुत्र नन्नू सिंह के रूप में की। जानकारी पाकर स्वजन कोतवाली पहुंच गए। उसके बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई की। युवक की मौत से स्वजन में कोहराम मचा हुआ है।

28 अप्रैल को पत्‍नी से हुआ था विवाद 

विदित रहे कि 28 अप्रैल की रात्रि गोपाल व उसकी पत्नी चांदनी में किसी बात को लेकर झगडा हुआ। जिसके चलते दंपती ने कैंची के प्रहार से एक दूसरे को लहूलुहान कर दिया था। दो दिन बाद उपचार के दौरान पत्नी चांदनी की मौत हो गई। मृतका चांदनी के पिता जनपद कासगंज, थाना सुनगढी क्षेत्र के ग्राम देवकली निवासी नैपाल सिंह ने मामले की छर्रा कोतवाली में दामाद गोपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। स्वजन के अनुसार उपचार के चलते स्वस्थ होने के बाद गोपाल कुछ परेशान रहने लगा था। बुधवार की दोपहर से वह घर से गायब था। उन्होंने काफी तलाश किया, परंतु कोई सुराग नहीं लगा। उसके बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक पांच भाइयों में सबसे बड़ा था। वह पैंठ बाजार में दुकान लगाकर परिवार का पालन पोषण करता था। उसकी पत्नी ने चार बच्चों में रिया (9), रितांशी (7), कुनाल (3) व एक साल के अधिक कुमार को छोड़ कर गई थी। अब चारों मासूमों के सिर से पिता का भी साया उठ गया। बच्चों में अभी इतनी समझ भी नहीं है कि नियति ने उनके साथ कितना बड़ा खेल खेला है। मृत गोपाल के वृद्ध माता-पिता मासूम बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। बच्चों के भविष्य को लेकर रो-रोकर उनका बुरा हाल हो गया है।

 

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