अरुणाचल प्रदेश के छात्रों ने विज्ञान सुविधाओं सहित स्थानीय व्यंजनों, संस्कृति, इतिहास और महत्वपूर्ण विकासात्मक पहलुओं के बारे में जानकारी ली


आजादी का अमृत महोत्सव-एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत अरुणाचल प्रदेश से आये 36 विद्दार्थियों ने दूसरे दिन ग्रेटर नोएडा में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी में आयोजित किये गये योग कार्यक्रम में भाग लिया. उतर प्रदेश की संस्कृति और परंपरा को सीखा, उनका प्रदर्शन किया और युवा प्रेरक कार्यक्रम और अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों में भाग लिया।उन्होंने दोनों राज्यों के पारंपरिक खेल भी खेले। इस दौराना बिमटेक के निदेशक प्रो हरवंश चतुर्वेदी, डीन प्रो अभिजीत, के चट्टोराज, डॉ ए के मिश्रा, राज्य नोडल अधिकारी ईबीएसबी, अरुणाचल प्रदेस, अनुरक्षण सुश्री रोशन देसीसॉ और श्री तरुण शर्मा खेल अधिकारी, बिमटेक उपस्थित थे।देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करवा ने के लिए साल 1857 में लड़ी गई पहली लड़ाई के दो शहीदों दादरी के राव उमराव सिंह और बागपत केबाबा शाहमल की शौर्य गाथाएं अरुणाचल प्रदेश के छात्र-छात्राओं ने सुनीं ।राव उमराव सिंह ने दादरी और सिकंदराबाद तहसीलों पर कब्जा कर लिया था । अंग्रेजों के डाकबंगले, डाकघरों और दूसरे सरकारी दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया था । आगरा और बुलंदशहरकी ओर से दिल्ली की ओर जाने की कोशिश कर रही अंग्रेजी सेना को दादरी से पहले ही रोककर रखा था । ठीक इसी तरह बागपत में शाहमल ने बड़ौत तहसील और देशखद के 84 गांवों को स्वतंत्र घोषित कर दिया था । बड़ौत तहसील में अपने तहसीलदार की नियुक्ति कर दी थी ।
अरुणाचल प्रदेश के छात्र देश के वीरों की गाथाओं को सुनकर प्रसन्न हुये और उनके जीवन के आदर्शों को अपने व्यक्तितव में उतारने की बात कही।इन छात्रों का कहना था कि इस यात्रा के माध्यम से उन्हें विभिन्न प्रदेशों की उस संस्कृति और सभ्यता के बारे में जानने को मिला जिनसे वो अन्जान थे ।
आपको बता दें कि आने वाले तीन दिनों में अरुणाचल के इन छात्रों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित स्मारकों तथा स्थानीय संग्रहालयों ,आर्ट गैलरी, लोकगीत संग्रहालयों का दौरा करवाया जाएगा। इस यात्रा को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) नई दिल्ली द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है।
