बदायूँ : उत्तर प्रदेश प्रचार समिति बदायूं के तत्वावधान में गंगा कछला घाट पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी अध्यक्षता बनवारी लाल शर्मा ने की।कार्यक्रम की शुरुआत बदायूं से पहुंचे ललितेश कुमार ललित की वंदना से हुई।

कांसगज से पधारे युवा साहित्यकार फरीद अल्वी ने कहा.. मैं अपने गीत ग़ज़लों में राधेश्याम लिखता हूं

उन्हीं से नेह रखता हूं उन्हीं का नाम लिखता हूं।

बिल्सी बदायूं से पहुंचे विष्णु असावा ने कहा.. निर्मल पावन शीतल शीतल गंगा मां का जल

पाप मयी हदय को भी वो कर देता निर्मल

ललितेश ललित ने कहा.. स्नान करो कान्हा स्नान कराता हूं, तुम अंतर्यामी हो तुम्हें ध्यान कराता हूं।

बरेली से पहुंचे ध्रुव यदुवंशी ने कहा.. एक प्रश्न है पूछ रही भारत माता आज, मेरे बेटे क्यों होते हो साजिश को मोहताज

बदायूं से पहुंचे षटवदन शंखधार ने राम के लिए बहुत सुंदर मुक्तक पढ़ें ..हो निराधार फिर भी संवर जाओगे, एक विश्वास से तुम तो तर जाओगे।राम के नाम से तैर पत्थर गये, राम का नाम लोगे तो तर जाओगे।।

एटा से पधारे महेश मंजुल ने पढ़ा ..अमृत था गंगा का पानी दूषित बना रहे इसको, मूरख गुरु ज्ञानी बनकर के गुरु गुण बना रहे सबको

कृष्ण मुरारी लाल मानव रामनगर एटा से पधारे उन्होंने कहा.. घुंघराली लटें काली मुख पे गजब लाली,चाल चले मतवाली चित हूं चुरात है

इसके अलावा बिल्सी से पधारे ओजस्वी जौहरी ने कहा..

ये माया कब छोड़ेंगे राम,मैं अवगुण की गहरी खाई। तुम्हें जपत रघुराई ,तुम हो पावन धाम ।।

अचिन मासूम ने पढ़ा.. काव्य पथ का मैं पथिक शब्दों से है बन्धन मिरा, शब्द पर सर्वस्व अर्पित शब्द ही जीवन मिरा

इसके अलावा हरगोविंद पाठक, हर्षवर्धन मिश्रा,प्रभाकर सक्सेना, श्रीकृष्ण आदि ने काव्य पाठ किया।मनोज माहेश्वरी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम संयोजक हरगोविंद पाठक ने सभी का आभार व्यक्त किया। संस्था अध्यक्ष विष्णु असावा ने सभी को पटका पहनाकर प्रतीक चिन्ह दिया।

कार्यक्रम का संचालन ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने किया।

 

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