बरेली : कोरोना की तीसरी लहर में सामने आया ओमिक्रोन वैरिएंट तेजी पकड़ने के बाद अब कम होने लगा है। ओमिक्रोन की गंभीरता कम होने के बावजूद कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट आने की आशंका, उसका संक्रमण दर और गंभीरता के बार में स्थिति स्पष्ट नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बारे में पूर्व में चेताया था। इसके बावजूद लोगों के मन से कोरोना का डर काफी कम हो गया है। इसका असर सीधे तौर पर बाजार पर नजर आ रहा है।
बाजार में होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। व्यापारियों ने माल खरीदकर स्टाक करना शुरू कर दिया है। ओमिक्रोन के कमजोर होने से होली पर खुदरा बाजार खिलने की पूरी उम्मीद व्यापारियों को नजर आ रही है। इसे लेकर व्यापारी भी काफी सकारात्मक हैं। उम्मीद है कि बीते दो वर्षों की तुलना में इस बार होली का बाजार दोगुना होने की उम्मीद नजर आ रही है।
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कोरोना की तीसरी लहर शाादियों में भी लोग जमकर खर्च करेंगे। लोगों का मूड बदल रहा है। इससे बाजार में काम भी बढ़ेगा। इससे पहले होली के त्योहार का सीजन सामने है। होली का बाजार खुदरा व्यापार के लिए संजीवनी का काम करता है। लोग जमकर खरीदारी करेंगे। इससे सहमा कारोबार रफ्तार पकड़ लेगा। बाजार अच्छी तैयारियां कर रहा है। राजेंद्र गुप्ता, प्रांतीय महामंत्री, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल
दो वर्ष से होली पर व्यापारी केवल रोने का काम कर रहा था। इस बार कोरोना का डर कम हुआ है तो व्यापारियों ने बीते वर्ष की तुलना में दोगुना माल खरीदा है। व्यापारियों ने बड़ी संख्या में माल का स्टाक करना शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि इस बार बाजार में लोग जमकर खरीदारी करेंगे। विकास नागपाल, व्यापारी
कोरोना संक्रमण के ओमिक्रोन के बाद भी म्यूटेशन होने पर नये वैरिएंट आएंगें। लेकिन अभी से इस बारे में तय नहीं कर सकते हैं कि नया वैरिएंट कब आएगा ? नया वैरिएंट कितना घातक होगा ? डेल्टा से ज्यादा खतरनाक होगा या फिर ओमिक्रोन की तरह कम असरकार होगा ? बीमारी की गंभीरता या म्यूटेशन के बारे में पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता है। वैक्सीनेशन में टी-सेल रिस्पांस होता है, जो कोविड के नए वैरिएंट को भी पहचान लेता है। इससे वह संक्रमण से बचाव करता है। डा. आरके सिंह, पूर्व निदेशक, आइवीआरआइ
कोरोना संक्रमण की तीन लहरों का सामना करने और वैक्सीनेशन की वजह से लोगों में कोरोना के विरुद्ध हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है। सीरो सर्विलांस की रिपोर्ट में भी पता चला है कि लोगों में कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ी है। ओमिक्रोन की चपेट में आने वाले अधिकांश मरीजों के गले तक इंफेक्शन था, फेफड़ों तक संक्रमण नहीं पहुंचा था। यही वजह रही कि इसका संक्रमण तीव्र था लेकिन गंभीरता नहीं थी। इससे लोगों में कोरोना का डर नजर नहीं आ रहा है। डा. अजय मोहन अग्रवाल, वरिष्ठ फिजीशियन