कासगंज: किसान मृदा परीक्षण कराकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाये रखें।

किसान दिवस का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया। जिसमंे प्रगतिशील किसानों को कृषि, फसल चक्र, फसल की बुवाई, मृदा परीक्षण और पशुपालन आदि से सम्बंधित समस्याओं के निराकरण पर विचार विमर्श कर वैज्ञानिक जानकारियां दी गईं। अधिकारियों द्वारा योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।

जिला कृषि अधिकारी सुमित कुमार चौहान ने बताया कि वर्तमान समय गेहूं की बुवाई के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। विकास खण्ड स्तर पर सरकारी बीज गोदामों में गेहूं की नई उन्नतशील प्रजातियों का बीज अनुदान पर उपलब्ध है। अधिकांश किसानों द्वारा बीज प्राप्त कर लिया गया है। यदि कोई किसान बीज लेना चाहतें हैं तो बीज गोदाम से संपर्क कर सकते हैं। मृदा परीक्षण के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र मोहनपुरा में कार्यशाला संचालित है। किसान अपने खेत की मिट्टी का नमूना लेजाकर परीक्षण करा लें और आवश्यकतानुसार ही खेत में उर्वरकों का प्रयोग करें। सरकार द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। सामान्य वर्ग का आवंटन पूर्ण होने के बाद अब अनु0जाति के लिये कृषि यंत्र उपलब्ध हैं, ऑनलाइन आवेदन कर इन्हें प्राप्त किया जा सकता है। सोलर पम्पों का आवंटन पूर्ण हो चुका है।

खाद्य एवं विपणन विभाग द्वारा बताया गया कि जनपद में इस वर्ष बाजरा खरीद के लिये कासगंज, सोरों, पटियाली, गंजडुण्डवारा और अमांपुर में 05 क्रय केन्द्र बनाये गये हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र मोहनपुरा के कृषि वैज्ञानिक बृजविकास सिंह ने बताया कि कृषि उत्पाद बढ़ाने के लिये गेहूं की बुवाई में उन्नतशील बीजों का प्रयोग करें। मृदा परीक्षण कराकर ही संतुलित मात्रा में खादों एवं सिंचाई के लिये संतुलित मात्रा में पानी का प्रयोग करें। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिये गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, फसलों के अवशेष खेत में डालें। फसल चक्र अपनायें। लाइन में बुवाई करें। खेत में आर्गेनिक कार्बन को बनाये रखने के लिये जितने पोषक तत्वों की खेत को आवश्यकता है उतनी ही खाद का प्रयोग करें। कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये वैज्ञानिक ढंग से खेती करें। खेतों में 05 बैग प्रति एकड़ की दर से जिप्सम का प्रयोग अवश्य करें।

इस अवसर पर किसानों द्वारा खेती को बन्दरों एवं आवारा निराश्रित पशुओं से बचाने के लिये आवश्यक कार्यवाही करने, गौपालकों को प्रोत्साहित करने, एफपीओ के संचालन में सहयोग करने आदि के लिये ध्यान आकर्षित किया गया।

किसान दिवस पर कृषि से सम्बंधित विभागों के अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक एवं किसान प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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