संवाद सूत्र, मिरहची: डांक कांवड़ियों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। डांक कांवड़यात्रियों का आतंक किसी से छिपा नहीं है, लेकिन आम जनता कुछ कर भी नहीं सकती। क्योंकि योगी सरकार का बरदहस्त इनको प्राप्त है।
वर्तमान में योगी सरकार की शह पर डांक कांवड़ यात्रा का प्रचलन इस कदर बढ़ा है कि क्षेत्र का हर वर्ग इनसे त्रस्त है। पहले सुनने में आता था कि दिल्ली से हरिद्वार और हरिद्वार से दिल्ली तक डांक कांवड़ यात्रा का जोर हुआ करता था, लेकिन पिछली वर्ष से इस क्षेत्र में भी ड़ांक कांवड़ का प्रचलन बड़े जोर से चला है। असल में ड़ांक कांवड़ के प्रचलन से हर कोई परेशान है। ड़ांक कांवड़ यात्री अपने आगे चल रहे वाहन में कान फोडू साउंड लगाकर उसमें गाने बजाते हुये जाते हैं। दूसरे इनके साथ चल रहे साथी बाइकों पर चार से पांच लोग सवार होकर कोई भी दुर्घटना से बेखबर होकर नृत्य करते हुये तेज गति से निकलते हैं, फलस्वरूप कांवड यात्रियों के अधिकांश वाहन आपस में टकराकर क्षतिग्रस्त होकर कांवड यात्री भी घायल भी हो जाते हैं।
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ड़ांक कांवड़ यात्रियों से दुकानदारों को नहीं है कोई लाभ
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कांवड़ यात्रा को लेकर कस्बा व क्षेत्र के छोटे बड़े व्यापारियों को दुकानों का सामान बिकने को लेकर उत्साह और उम्मीद रहती है, लेकिन ड़ांक कांवड के प्रचलन से दुकानदारों की सारी उम्मीदों पर तुसारापात हो गया है। क्योंकि डांक कांवड यात्री गंगाजल लेने बाइक से जाते हैं और दौड़ते हुये वापस हो जाते हैं।
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डांक कावड़िये रास्ते भर करते हैं उत्पात
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कांवड यात्रियों में इन दिनों शराब के सेवन का प्रचलन भी बढ़ा है। डांक कांवडिये शराब का सेवन कर रास्ते भर हाथों में बैंत लेकर उत्पात करते हुये जाते हैं, अगर इस दौरान कोई ग्रामीण राहगीर राह में आ जाये तो कांवडिये उसको बुरी तरह धुन देते हैं।
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सरकार की शह पर प्रशासन बना पंगु
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योगी सरकार के सख्त आदेश हैं कि कांवड़यात्रियों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े, अगर कांवड़ियों को कोई परेशानी हुई तो जिम्मेदार अधिकारियों की शामत नहीं। सरकार के निर्देश पर प्रशासन कांवड यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिये बचनबद्ध दिखता नजर आता है।
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डांक कांवड पर लगनी चाहिये रोक
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कस्बा व क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने प्रदेश की योगी सरकार से मांग की है कि डांक कांवड यात्रा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगानी चाहिये।
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रूट डायवर्जन के कारण तमाम मरीजों की हो जाती है असमय मौत
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कांवड़ यात्रियों के सकुशल निकलने को लेकर प्रमुख मार्गों को डायवर्ट कर दिया जाता है। जिसके कारण जगह जगह जाम की स्थिति बन जाती है। इस दौरान इलाज को हायर सेंटर ले जाये जा रहे मरीज उपचार के अभाव में असमय दम तोड़ देते हैं।