गोरखपुर, एजेंसी।  कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा की मेरे लिये एक और आहलादकारी अनुभव है कि मुझे इस दीक्षा समारोह में सम्मलित होने के निमित भगवान बुद्ध की धरती पर पुनः आने का अवसर मिला है, इस बुद्ध धरा को प्रणाम, भगवान बुद्ध को नमन करती हूं। जिनकी स्मृति यहां के कण कण में समायी हुई है। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा जगत में सभी को सम्मान मिलना चाहिए। यहां कुल 34 अवार्ड दिए गए। इसमें 24 छात्राओं को मिले हैं। लड़कों को भी पढ़ाई में आगे आना होगा। भारत को विश्व गुरु बनाने में सभी अपना योगदान तो दे सकते हैं।

कुलाधिपति गुरुवार को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षा समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। उन्‍होंने कहा कि देश की आजादी में गांधी जी का अहम योगदान हैं, जिन्होंने नमक आंदोलन की शुरुआत कर आजादी दिलाई। 12 मार्च 1930 का भाषण जरूर सुनें, जो जानकारीपरक होगी। हमारा इतिहास तोड़ मरोड़ कर लिखा गया है। कुछ जानकारियां नहीं मिल पाई। आजादी के 75 घटना में यूपी का योगदान रहा। इसे आप जरूर पढ़ें। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इससे आजादी का पूरा इतिहास जान पाएंगे।

यह विश्व विद्यालय गौतम बुद्ध के बिचारो आदर्शो के प्रचार प्रसार के लिये संकल्पित है। अंतराष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन केंद्र की स्थापना हो चुकी है, जहा दुनिया भर के विद्वान बौद्धधर्म और दर्शन संबंधी और अनुसंधान के लिए जुटेंगे। यहां के कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे के कार्यकाल में कई कदम उठाये गए है, वित्तसमिति, क्रय समिति,विकास समिति जैसे महत्वपूर्ण इकाइयों का गठन,वित्तीय पारदर्शिता, ई टेंडरिंग, जेम पोर्टल्स क्रय की व्यवस्था,पूरे पांच वर्ष की बैलेंस सीट अल्पावधि में तैयार कराना, प्रतिवर्ष बजट पारित करना एक अत्यंत प्रशंसनीय प्रशासनिक निर्णय है। हाल ही में विश्व विद्यालय में विभिन्न विषयों में दो दर्जन से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओ की नियुक्तियां हो चुकी है।अब पहले से चल रहे वाणिज्य, अर्थशास्त्र एवं हिंदी विभाग के अतिरिक्त इस सत्र से इतिहास, प्राचीन इतिहास, राजनीतिशास्त्र, लोक प्रशासन, अंग्रेजी, समाजशास्त्र, बीबीए जैसे विषयों में स्नातकोत्तर एवं स्नातक कक्षाएं भी आरम्भ हो गयी है। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन केंद्र के साथ ही दीन दयाल उपाध्याय शोधपीठ भी स्थापित है। जिसमे शोध करने- कराने का कार्य इसी वर्ष से आरम्भ हो चुका है।

उन्‍होंने कहा कि एनसीसी के विस्तार की घोषणा के अनुरूप विश्व विद्यालय में इस शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय कैडेट कोर की इकाई ने केवल स्थापित हो चुकी है,अपितु ठीक से संचालित भी हो रही है, शिक्षक कल्याण कोष,बैंक और पोस्टऑफिस के अलग भवन की व्यवस्था हुई। ई- पुस्तकालय विकसित करने की योजना पर काम जारी है,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूर्णतया सफल बनाने के लिये आवश्यक है कि हम उसको ठीक से समझे, उद्देश्यों को समझें तद्नुरूप उसको लागू करने -करवाने के लिये निष्ठापूर्वक क्षमता के साथ सचेष्ट हों। सिद्धार्थविश्व विद्यालय इस पर कार्य कर रहा है। गुरु से दीक्षा लेने के पश्चात गुरु दक्षिणा देने का नियम भी भारतीय परम्परा में है, जिसके रूप में एक संकल्प चाहती हूं, कि आप अपनी एक उस बुराई को छोड़ने का प्रण लें जो आप को आपके समाज, प्रदेश, राष्ट्र, सम्पूर्ण सृष्टि के लिये हानिकारक हो।

 

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