जिला संवाददाता विजय कुमार वर्मा
बदायूँ : आम बजट को लेकर सांसद डॉ. संघमित्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। सांसद ने कहा कि अमृतकाल में पेश किया गया बजट भविष्य की सोच का बजट है। जो हर वर्गों के हितकारी है।
सांसद कैम्प कार्यालय में गुरूवार को आयोजित प्रेसवार्ता में सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने कहा कि आम बजट एक लोक कल्याणकारी बजट है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, कृषि, व्यापार, खेल, सड़क और रेल सहित अन्य आधारभूत व्यवस्था को पूरा करने का काम किया गया है। इसमें गरीब, किसान, युवा, महिलाएं, व्यापारी और अन्य लोगों का ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है। देश का 75वां आम बजट ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने पर जोर देने वाला बजट है। यह दुनिया में सबसे तेज गति से देश को विकास की राह दिखाने वाला और भारत को सुपर इकोनॉमी पावर बनाने वाला बजट है। यह बजट वर्ष 2023-24 के डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश के लिए अगले 25 से 50 साल हेतु विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बजट के माध्यम से पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म करते हुए मध्य वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को ऐतिहासिक तोहफा दिया है। अब नौकरी पेशा लोगों को 7 लाख रुपये सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही, टैक्स स्लैब को को भी घटा कर 5 तक सीमित कर दिया गया है । मोटे अनाज उगाने के मोर्चे पर भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। भारत श्री अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत को श्री अन्न का ग्लोबल हब बनाने के लिए हम कटिबद्ध हैं। इस दिशा में हैदराबाद में भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान स्थापित करना एक बहुत बड़ा कदम है।
उन्होने कहा कि कोरोना और यूक्रेन युद्ध के कारण उपजे वैश्विक संकट के बावजूद देश के बजट का आकार बढ़ाकर 45 लाख करोड़ रुपये करना भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 2047 तक अनीमिया के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एरो ड्रोन, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स का विकास किया जाएगा। सरकार शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष के लिए हर साल 10,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती देगी। कुल मिलाकर, यह बजट आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है। इस बजट में किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्ग के विकास की रूपरेखा है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।