*दिव्यांगों का न उडायें उपहास, करें उनकी मदद*
संवाद सूत्र, मिरहची: ब्लाक मारहरा की ग्राम पंचायत अखतौली रतनपुर के सचिवालय के मीटिंग हाल में निशुल्क विधिक सहायता शिविर, दिव्यांग व महिला अधिकार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दिनेश यादव एडवोकेट एवं इलियास भाई इलाहाबादी व अमित यादव एडवोकेट भाईचारा समिति के शादाब अब्बास विनय कुमार सिंह ने उपस्थित दिव्यांग जनों को उनके मूल अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुये उनको विधिक जानकारी प्रदान की। साथ ही सामाजिक शोषण का बहिष्कार किया वहीं अधिवक्ता सुनीता बघेल एवं समाजसेविका सीमा यादव ने भी महिलाओं के शोषण का बहिष्कार करते हुए उनको मिले मूल अधिकारों के प्रति जागरूक किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक शिक्षक नेता अवधेश यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपस्थित सभी दिव्यांगजन माता और बहनों और ग्राम सभा के गणमान्य व्यक्तियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जहां नारी का सम्मान होता है वहां नारायण का वास होता है। आज हमारे समाज में नारी का शोषण नारी के द्वारा ही हो रहा है सास बहू हों या देवरानी जेठानी हों चाहे ननद के रूप में हों।


हम सबको नारियों का सम्मान करना चाहिए और नारियों को भी चाहिए वह भी अपने सम्मान के लिये दुर्गा काली बनकर स्वयं की रक्षा करें। दिव्यांगजनों का अभी समाज द्वारा उपहास उड़ाया जाता है इसे बंद करें दिव्यांगजनों को सम्मान देने का काम करें उनकी सहायता करें एवं जो उन्हें कानूनी अधिकार मिले हुए हैं उनके प्रति बुद्धिजीवी लोगों की भूमिका का निर्वहन कर उन्हें जागरूक करें। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि पीड़ित व्यक्ति को समिति आवश्यकता पड़ने पर निशुल्क विधिक परामर्श के साथ हर स्तर पर सहयोग करेगी।
इस अवसर पर पूर्व प्रधान ज्ञान सिंह यादव, रमेश यादव लंबरदार, अवनीश यादव, वरुण यादव, रोजगार सेवक सुधीर यादव, रवीश कुमार, राकेश बाबू, विजयवीर सिंह, विकलेश बाबू, विजय कुमार, अनिल कुमार, लालू यादव, हेमंत कुमार, नीलू यादव, गुलशन यादव, रत्नेश कुमार, विनय कुमार, लकी यादव, रिंकू यादव, विशाल कुमार, दिव्यांग विनोद कुमार, उर्वेश कुमार, रविंदर सिंह, जानू बाबू, सर्वेश कुमारी एवं सुदेश कुमार सहित तमाम लोगों ने कानूनी जानकारी हासिल की।
फोटो कैप्सन– *दिव्यांग कानूनी सहायता शिविर को संबोधित करते शिक्षक नेता अवधेश यादव एवं मंच पर बैठे कानूनविद।*
— *दिव्यांग कानूनी सहायता शिविर में उपस्थित गांव के दिव्यांग स्त्री पुरूष।*
