गोरखपुर, संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में नवस्थापित कृषि संकाय को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाने के लिए संकाय में सेंटर आफ एक्सिलेंस चेयर की स्थापना की जाएगी। इस चेयर से ख्यातिलब्ध कृषि वैज्ञानिकों जैसे प्रो. पंजाब सिंह, प्रो. रामचेत चौधरी, डा. कीर्ति सिंह को संरक्षक के तौर पर जोड़ा जाएगा। यह विशेषज्ञ चेयर से आनलाइन और आफलाइन दोनों मोड में जुड़ेंगे। यह जानकारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने 29 अक्टूबर को संकाय के सत्रारंभ अवसर पर बीएससी एजी और एमएससी एजी के नव प्रवेशी विद्यार्थियों से संवाद के दौरान दी।
उच्चीकृ फैकेल्टी से लैस किया जाएगा कृषि संकाय
कुलपति ने बताया कि अगले एक-दो साल में कृषि संकाय को आइसीआर से एक्रीडेशन पर फोकस है। प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। भवन, प्रयोगशाला, कक्षा, उपकरण और उ’चीकृत फैकल्टी से कृषि संकाय को लैस किया जा रहा है। कुलपति ने इस अवसर पर बीएससी कृषि और एमएमसी प्लांट ब्रीङ्क्षडग के टापर को स्वर्ण पदक देने की घोषणा की है। कृषि वैज्ञानिक प्रो. रामचेत चौधरी ने कहा कि कृषि ही जीवन का आधार है। विश्वविद्यालय में कृषि संकाय के रूप बीएससी कृषि और एमएससी कृषि जीवन में संचार की तरह है। उम्मीद है कि बहुत जल्दी यह संकाय नई कृषि की शिक्षा में नए प्रतिमान गढेगा।
कृषि के क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं
विद्यार्थियों में बेहतर भविष्य की आस जगाते हुए कुलपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं, जरूरत उन तक पहुंचने की है। कार्य परिषद सदस्य प्रो. वीएन त्रिपाठी कहा कि कृषि का बाजार विकसित होने से अब बीएससी और एमएससी एजी पाठ्यक्रम की डिमांड बढ़ी है। अब गोरखपुर विश्वविद्यालय भी इस डिमांड को पूरा करेगा और समाज को कृषि विशेषज्ञ देगा। पाठ्यक्रम समन्वय प्रो. अजय सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डा. के सुनीता और आभार ज्ञापन डा. निखिलकांत शुक्ल ने किया। कार्यक्रम को प्रो. सुनीता मुर्मू, प्रो. दिनेश यादव, दीपेंद्र मोहन सिंह, डा. राम प्रसाद यादव आदि ने भी संबोधित किया।