मनोज कुमार शर्मा :

अलीगढ़/छर्रा :  मानव का जन्म पाँच तत्वों से मिलकर बना है प्रथ्वी ,जल ,अग्नि, वायु , आकाश, इन पांचों को संचित करना हम सब की जिम्मेदारी बनती है भूमि में अधिक अन्न उगाने के लिए हम कीटनाशक दवाएं एवम अन्य नित नए तरीके खोज कर मिट्टी को विषेली वना रहे है जल पानी को भी दूषित कर जमीन के अंदर डालकर प्रथ्वी व कैमीकल युक्त विषेला जल जमीन में जाने से जमीन दूषित होने से बचाना है अब तक फैक्ट्रियां हवा को दूषित कर रही थी अब देश का अन्न दाता किसान भी धान चावल की पराली जलाकर हवा दूषित कर रहे है जिस कारण आज तरह तरह के रोग पैदा हो रहे हैजिसमे कैंसर गंभीर रोग के साथ लाइलाज सावित हो रहा है जीवन जीने के लिए हवा का शुद्ध होना भी जरूरी है।

अशुद्ध हवा के कारण वायु मंडल दूषित होने से मौसम चक्र गड़बड़ा गया न समय पर वारिश होती न गर्मी। न शर्दी जंगल काट डाले पेड़ कम होते जा रहे है जमीन में 80फिट तक पानी पीने योग्य नही रहा इस प्रदूषण का कारण मानव ही तो है जागो मेरे प्यारे जागो जमीन में पानी की मात्रा प्रति दिन घटती जा रही है पानी का दोहन होने से रोको हमारे भागवताचार्यो ने काफी समय पहले भागवत कथा की माध्यम से पहले ही समाज को सचेत किया था कि एक समय आएगा कि पानी के लिए युद्ध होगा अब तक बहते हुए पानी के लिए कहा जाता था लेकिन अब तो हमने जमीन के अंदर के पानी को भी दूषित कर डाला साथ ही पानी का दोहन हमारी द्वारा अधिक किया जा रहा है कहने तात्पर्य है की जीवन की उत्पति जिस प्रकार जीवन के बिना नहीं है उसी प्रकार जीवन का जीना भी बिना शुद्ध जल के नही है आज बढ़ती हुई जनसंख्या औधौगीकरण व कृषि खाद्यानो की पूर्ति हेतु जल की मांग बढ़ गई है जिसके लिए दैनिक कार्यों में पानी खपत की मात्रा बढ़ी हैसिचाई व अन्य कार्यों के लिए मानव भू जल का दोहन कर रहा है जिसके कारण गिरते हुए भू जल स्तर को बढ़ाए व बनाए रखने के लिए जल संरक्षित करना हम सभी की महत्व पूर्ण जिम्मेदारी बनती है क्यों कि जल एक सीमित संसाधन है प्रथ्वी पर 96.54%सागर है 1.74%ग्लेशियर है ,0.76%पीने योग्य पानी है तथा 0.96%अन्य रूप में जल हैदेखने को तो प्रथ्वी के चारो तरफ पानी ही पानी है लेकिन यह सब प्राकृतिक दिखावा है इसलिए गांव गांव शहर शहर मानव जन को जल संरक्षण के लिए स्वयं जागरूक होने के साथ अन्य को भी जागरूक करना होगा आज हर घर में समर लगे है गांवो में लोग पानी का महत्व समझ ही नही रहे है हालाकि शरकार ने भी जल कल विभाग को इसी लिए नियुक्त किया है जल बचाओ लेकिन सरकार के अलावा जनजागरूक होना भी आवस्यक है आप भी उतने ही पानी का उपयोग करे जितने पानी की जरूरत है गांव में लोग मेड पर पेड़ और पेड़ पर मेड का अनुपालन करे औरों को भी प्रेरित करे सार्वजनिक शौचालयों में नल खुला न छोड़े औरों को भी प्रेरित करे गांव में सतही जल एवं भू जल दोनो का समन्वित उपयोग करे सरकार ने ग्रामीण स्तर पर उद्योगों प्लांटो में प्रयोग हो रहे पानी के बैच मार्क प्रेरित करे उपयोग हुए पानी का निकास नालियों या सोकते गड्ढे में करे तालाबों को गंदा न करे कृषि में जैविक खेती को बढ़ावा दे अधिक से अधिक पेड़ लगाए हालाकि सरकार हर साल करोड़ों की संख्या में पौधे लगाने का आयोजन होता है लेकिन जब तक सब लोग ध्यान नही देगे तब तक पानी का दोहन नही रुकेगा क्यों कि बूंद बूंद से भरती है सागर और कई गागरो से भरता है सागर जल सुरक्षा मानव सुरक्षा

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