*इंस्पेक्टर सौरभ सिंह ने सुंदरकांड  पाठ का करवाया आयोजन,  मारुती नंदन हनुमान की भक्ति में डूबे दिखे पुलिसकर्मी*

*हनुमान जी को धार्मिक ग्रंथों में अमर बताया गया है हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से फलदायी है , इंस्पेक्टर सौरभ सिंह*

*संवाददाता- अभिषेक वर्मा*

*बदायूँ/यूपी-*   दिन शनिवार को प्रदेश के जनपद बदायूँ  की कोतवाली दातागंज परिसर में बनें मंदिर में चल रहे सावन के पवित्र महीनें के शिवरात्रि त्योहार के द्रष्टिगत दातागंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सौरभ सिंह ने प्रातः काल सुबह उठ कर परिसर में बनें मंदिर की साफ सफाई कर पूजा अर्चना की। साथ ही दातागंज इंस्पेक्टर सौरभ सिंह ने सुंदरकांड पाठ का आयोजन करवाया।

आयोजन के चलते दातागंज इंस्पेक्टर सहित समस्त भक्तजन, पुलिसकर्मी महाबली हनुमान की भक्ति में डूबे नजऱ आये। सुंदरकांड पाठ में पुलिसकर्मियों के साथ साथ कई संभ्रांत लोगों ने भी पवन पुत्र हनुमान की आराधना की। पाठ के समापन के बाद सबसे पहले दातागंज इंस्पेक्टर सौरभ सिंह व वरिष्ठ उपनिरीक्षक दातागंज शिवेंद्र भदौरिया  ने मारुती नंदन हनुमान की आरती की। उनके बाद बारी-बारी वहां मौजूद सभी भक्तजन पुलिसकर्मियों ने भगवान की आरती की। वही दातागंज इंस्पेक्टर सौरभ सिंह ने हमारे संवाददाता अभिषेक वर्मा द्वारा वार्ता करने पर बताया कि दातागंज  कोतवाली पुलिस ने सोशल पुलिसिंग की नई पहल शुरू की है इसी उपलक्ष में और आने वाले त्योहारों , उत्सव सहित अन्य त्योहार के उपलक्ष में थाना कोतवाली परिसर में यह सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। साथ ही मेरी प्रार्थना है कि मारुती नंदन हनुमान जी की दया दृष्टि सभी पर बनी रहे क्षेत्र में सुख शांति समृद्धि रहे। साथ ही कहूंगा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का संपूर्ण जीवन चरित्र गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में समाया हुआ है। जिसे सामान्य भाषा में हम रामायण के नाम से जानते हैं। यूं तो इसकी प्रत्येक चौपाई का पठन-पाठन पुण्यदायी और प्रभु श्रीराम के करीब ले जाने वाला है, लेकिन इसमें सबसे उत्तम सुंदरकांड पाठ को माना गया है सुंदरकांड पाठ में हनुमानजी द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन किया गया है। अखंड रामायण पाठ में सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्व होता है। यहां तक कि अखंड रामायण का पाठ समाप्त हो जाने के बाद भी एक बार फिर से सुंदरकांड का पाठ अलग से किया जाता है। इसमें हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। इस अध्याय के मुख्य घटनाक्रम हैं हनुमान जी का लंका की ओर प्रस्थान, विभीषण से भेंट, सीता से भेंट करके उन्हें श्री राम की मुद्रिका देना, अक्षय कुमार का वध, लंका दहन और लंका से वापसी। रामायण में सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। संपूर्ण रामायण कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है, जबकि सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जो सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय का अध्याय है। यह तो सभी जानते हैं कि हनुमानजी सप्त चिरंजीवी में से एक हैं। यानी वे अभी भी पृथ्वी पर सशरीर मौजूद हैं। यह माना जाता है कि जहां भी सुंदरकांड का पाठ होता है वहां हनुमानजी किसी न किसी रूप में पाठ सुनने अवश्यह आते हैं। यह कई लोगों ने साक्षात अनुभव भी किया है। सुंदरकांड का पाठ प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को किया जाता है। इसी क्रम में आज मंगलवार को सुंदरकांड  पाठ के आयोजन के साथ साथ  हनुमान चालीसा एवं भजन कीर्तन कार्यकम परिसर में हुआ है।

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