माधौगढ़ जालौन
जालौन वाली माता के दर्शन करने के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़, पांडवों कराई थी मंदिर की स्थापना जालौन मंदिर मंदिर को द्वापर युग में पांडवो के द्वारा स्थापित किया गया था जालौन के बीहड़ो में कभी डांकुओ के गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती थीं. लेकिन आज वहां मंदिर के घंटो की आवाज सुनाई देती हैं. इन बीहड़ो में स्थित जालौन वाली माता के दर्शनो के लिये नवरात्र में भीड़ उमड़ पड़ी है.
इसका मुख्य कारण है की बीहड़ अब डाकूओं से मुक्त हो गया है. पिछले कई दशकों तक जनपद जालौन सहित आस-पास के जनपदों इटावा,औरैया आदि में डाकूओं ने हड़कंप मचा रखा था. जिस कारण लोगों में डकैतों के प्रति भय व्याप्त हो गया था. जिसके चलते लोग जालौन वाली माता के दर्शनों के लिए कम आते थे. जालौन में माता का यह मंदिर यमुना और चम्बल नदी के पास है रविवार को सप्तमी के दिन भक्तों का मन्दिर परिसर में तांता लगा रहा श्रद्धालुओं ने पहुँचकर मां के दर्शन कर भंडारे का आनंद लिया मां के दरबार में भण्डारे का आयोजन होता है जिसमें माधौगढ़ सहित अन्य क्षेत्रीय लोग सहयोग कर मां के दरवार में भण्डारा करवाते है वैदिक काल से चली आ रही प्रथा में जबारे एवं सांग बेदन का अलग ही महत्व है ऐसी मान्यता है कि मां के दरवार में दूरदराज से आकर श्रद्धालु जवारे व वारी चढ़ाते है एवं सांग चढ़ाने के दौरान भक्त श्रद्धा एवं आस्था के साथ उसका वेदन करवाते है एवं मां के दरवार में चढ़ाने आते है।
इस अवसर पर विधायक मूलचंद निरंजन विधायक प्रतिनिधि महेश सिंह पतराही, ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह सेंगर, शिव कुमार सिंह, जयपाल सिंह राजावत बरीकपुरा, प्रधान श्याम सिंह पाल जालौन खुर्द ,वीवा महाराज , सर्वेश पुजारी संजय महाराज आशीष तिवारी अनिल महाराज बृजेश प्रधान राजपाल यादव रविंद्र प्रजापति मनोज शिवहरे दीपक उदैनिया एवं पुलिस स्टाफ चौकी इंचार्ज लाल बहादुर यादव सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे