बदायूँः 20 जून। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने उप कृषि निदेशक डॉ0 रामवीर कटारा के साथ सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में कृषि, गन्ना, उद्यान, भूमि संक्षरण विभाग व डास्प परियोजना आदि की समीक्षा बैठक आयोजित की। कृषि उप निदेशक ने अवगत कराया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अर्न्तगत तहसील स्तर पर 599 लोगों का डाटा सत्यापन के लिए पेंडिंग है। किसानों का ई-केवाईसी लगभग 64 प्रतिशत हो चुका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत जनपद में कर दाता अपात्र 1592 के सापेक्ष 602 किसानों से 52,76,000 रुपए की वसूली की गई है, यह लगभग 40 प्रतिशत वसूली है। अब 990 किसानों से वसूली किया जाना बाकी है। डीएम ने निर्देश दिए कि कार्य की गति बढ़ाकर सभी कार्य जल्द से जल्द पूर्ण कराएं।

जिला गन्ना अधिकारी राम किशन ने अवगत कराया कि यदु शुगर लिमिटेड, बिसौली के भुगतान की प्रगति सन्तोष जनक नहीं है। जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए गए है कि यदु मिल के जिम्मेदार अधिकारियों या मालिकान को अवगत करा दें कि गन्ना किसानों का अवशेष या बकाया गन्ना मूल्य का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करें, अन्यथा आगामी पेराई सत्र में गन्ना आबंटन की प्रक्रिया के दौरान गन्ना मूल्य का समय से भुगतान न किये जाने की स्थिति में मिल को गन्ना न दिये जाने के लिए विभाग को सूचित कर दिया जाएगा। शेखुपुर का देय 4755.63 लाख रुपये, भुगतान 2930.40लाख रुपये, अवशेष 1825.23 लाख भुगतान तिथि 02 फरवरी 2022 तक, यदु शुगर बिसौली का देय 12968.57 लाख रुपये, भुगतान 6291.68 लाख रुपये, अवशेष 6676.89 लाख रुपये , भुगतान तिथि 30 दिसम्बर 2021 तक थी।

नमामि गंगे जैविक खेती अपनाने के बाद कृषकों का उत्पादन मात्र 10 प्रतिशत कम हुआ है लेकिन कृषकों की फसल लागतदर 60 से 70 प्रतिशत कम हुई है। जैसे गेहूं की 1 हे0 रासायनिक फसल की लागतदर लगभग 22500/- रू0 तथा उत्पादन 45.5 कुन्तल एंव जैविक खेती में फसल की लागतदर 4750/-रू0 तथा उत्पादन 38.5 कुन्तल है, जिसमें जहरमुक्त रसायनों का प्रभाव भी कम हो रहा है साथ ही हमें स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद प्राप्त हो रहा है जिससे कृषकों को उत्पादन का मूल्य बाजार भाव से 10 से 15 प्रतिशत अधिक प्राप्त हो रहा है जिससे कृषकों की आय में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है एवं मृदा में जीवाश्म कार्बन की वृद्धि हो रही है, जिससे आगे की फसल उत्पादन की गुणवत्ता में बढोतरी पाई जा रही है। जिससे प्रभावित होकर गांव के और भी कृषक जैविक खेती के चयनित समूह सदस्यों एंव सहयोगी संस्था शील बायोटेक लि0 के कर्मचारियों से परामर्श लेकर जैविक खेती की ओर आकर्षित होने लगे हैं तथा चयनित विकास खण्डों में चार एफपीओ का गठन किया गया है जिनका रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में है। जिसके पूर्ण होने के उपरान्त कृषकों के जैविक उत्पाद की बाजार व्यवस्था सुद्व़ढ़ हो सकेगी व उत्पाद का उचित मूल्य कृषकों को प्राप्त होगा।

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