डॉ. उर्मिलेश की स्मृति में आयोजित विराट कवि सम्मेलन में कवियों

ने सुबह की भोर तक श्रोताओं को अपनी कविताओं ने मंत्रमुग्ध

किया, खचाखच भरे पाण्डाल में सफल आयोजन में श्रोताओं ने लगाई

काव्य के सुरों में डुबकी, प्रख्यात हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा

को काव्य शिखर सम्मान, मुमताज नसीम को ग़ज़ल सम्मान, अशोक चारण

को ओजस्वी स्वर सम्मान एवं डॉ. अखिलेश मिश्रा को गीत श्री सम्मान से

सम्मानित किया गया

बदायूं 17 मई 2023। प्रख्यात कवि स्व. डॉ. उर्मिलश की .18वीं

पुण्यतिथि पर डॉ. उर्मिलश जन-ंउचयचेतना समिति द्वारा आयोजित डॉ.

उर्मिलेश स्मृति दिवस में कल रात भव्य अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन

का आयोजन किया गया। बहुत अरसे बाद आयोजित कवि सम्मेलन का 4 बजे समापन

हुआ। देश नामचीन कवियों ने अपने कविताओं से दर्शकों से खॅंचाखच भरे पण्डाल में समां बॉंध दिया। सुबह की भोर तक चले इस कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं ने जम कर कविताओं का लुत़्फ उठाया।

कार्यक्रम में देश के ख्यातिलब्ध कवियों एवं -शायरों ने अपनी

प्रभावशाली रचनाओं के जरिये जहॉं देश की ज्वलन्त समस्याओं को

उजागर किया वहीं हास्य-ंउचयव्यंग की रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया। कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगों के बैठने के रखी गई कुर्सियां भी कम पड़ गयी।आयोजन के अतिथि के रुप में नगर विधायक श्री महेश चन्द्र गुप्ता, भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष श्री राजीव कुमार गुप्ता, पूर्व विधायक श्री प्रेमस्वरुप पाठक, वरिष्ठ

पुलिस अधीक्षक डॉ. ओ. पी. सिंह रहे। सभी अतिथियों का समिति की ओर से प्रतीक चिन्ह देकर एवं माला पहनाकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर समिति की ओर से प्रख्यात हास्य व्यंग कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा का डॉ. उर्मिलेश स्मृति काव्य शिखर सम्मान, युवा ओज कवि अशोक चारण को

ओजस्वी स्वर सम्मान, प्रख्यात ग़ज़लकार मुमताज नसीम को ग़ज़ल सम्मान एवं

आई.ए.एस. अधिकारी व गीतकार डॉ. अखिलेश मिश्रा को गीत श्री सम्मान

से अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा मॉं

सरस्वती के समक्ष दीप प्रजव्वलन कर किया गया। इसके उपरान्त आमंत्रित आमंत्रित

कवियों एंव अतिथियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न

प्रशासनिक, राजनैतिक, साहित्यिक, पत्रकारिता एंव शैक्षिक क्षेत्रों से जुडे

हुये विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके उपरान्त कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ जिसमें अलीगढ से आयीं मुमताज नसीम ने मां सरस्वती की वन्दना प-सजय़ी और उसके बाद आमन्त्रित कवियों कवितायें पढी

बहुत समय बाद बदायूं आये देश के प्रख्यात कवि पद्श्री सुरेन्द्र शर्मा ने अपने काव्य पाठ में अनेक रचनायें पढी, उन्होंने कहा, ऊ पत्नी जी, जै

मै ऊ युग मैं, महाराणा परताप होत्तो तो कि होत्तो, वा बोल्ली -महाराणा पराताप को घोड़ो चेतक खुद मरणे की जगा थारा ही पराण ले लेत्तो। केकड़ी राजस्थान से आये ओज कवि अशोक चारण ने अपने ओजपूर्ण वाणाी से पूरे माहौल में रंग जमा दिया, उन्होंने कहा ये

जहरीला घूंट कसम से हंसकर के पी जाउंगा, मेरी मौत को मिले तिरंगा मरकर भी जी जाउंगा। प्रख्यात गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना ने श्रोताओं की मांग पर एक से ब-सजय़ कर एक गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया, उन्होंने कहा, तन और मन हैं पास बहुल पर सोच सोच में क्यों दूरी है, हम

बदलें तो कहा बेवफा वो बदलें तो मजबूरी है। अलीग-सजय़ की शायरा मुमताज नसीम ने कहा, आज इकरार कर लिया हमने, खुद को बीमार कर लिया

हमने, अबतो लगता है जान जायगी तुमसे जो प्यार कर लिया हमने। कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे प्रख्यात हास्य व्यंग कवि सर्वेश ने कहा, रिश्तों में तकरार बहुत है, फिर भी इनमें प्यार बहुत है, सारी दुनिया खुश रखने को बस अपना परिवार बहुत है। कानपुर से आये लाफटर चैनल फेम कवि हेमंत पाण्डेय ने श्रोताओं को हंसने के लिए लोट पोट कर दिया,

उन्होंने कहा, एक एक प्रेमिको बांटकर ले गये, जो नहीं माना उसे

डांटकर ले गये, जिस पेड़ पे बांधा था मोहब्बत का धागा, नगर निगम वाले उसे भी काटकर ले गये।उन्होंने कहा, बदायूं के पूर्व एस.पी. सिटी रहे एवं शायर कमल हातवी ने अपनी एक से ब-सजय़ कर एक शेर से महफिल

लूट ली उन्होंने कहा, उन्होंने कहा, मोहब्बत ज़ख्म है मरहम

नहीं है मगर मरहम से कोई कम नहीं है, तुम्हीं से तो नहीं था

इश्क मु-हजयको, तुम्हारा ही तो मु-हजयको ग़म़ नही है। गीतकार एवं शासन में विशेष सचिव आई.ए.एस. अधिकारी डॉ. अखिलेश मिश्रा ने अपनी संजीदा ग़ज़लों एवं गीतों से मानवीय संवेदनाओं पर कविता पाठ करते हुये कहा, अब अदालत में खड़ी मूरत रुंवासी हो रही है, अब कहां इस मुल्क में कातिल को फांसी हो रही है। चन्दौसी से आये युवा शायर च़राग शर्मा ने शेर प-सजय़ते हुये कहा, तुम्हारा क्या है तुम्हें सिर्फ

ज्ञान देना है, हमारी सोचो हमें इम्तिहान देना है, उन्होंने अपने

मुताबिक सज़ा सुनादी है, हमें सज़ा के मुताबिक बयान देना है। बनारस पे आमंत्रित कवियत्री अंकिता नादान ने कहा, जाने कैसी ये प्यास कैसी ये अगन जगी है, इक नदी को समंदर की लगन लगी है। कार्यक्रम में श्रोताओं की मांग पर डॉ. उर्मिलेश की पुत्री डॉ. सोनरुपा विशाल ने डॉ. उर्मिलेश की प्रमुख ग़ज़ल लड़कियां लड़कियां गाकर माहौल को उनकी याद दिला दी। वहीं कार्यक्रम के अन्त उनके पुत्र डॉ. अक्षत अशेष ने श्रोताओं की तालियों के साथ उनके रचित प्रमुख गीत गायेंगे गायेंगे हम वन्देमातरम् गाकर पूरे पाण्डाल को गुंजायेमान कर दिया। उनके पौत्र आगम अशेष ने भी इसमें सुर मिला कर अपने बाबा को श्रद्धांजलि दी। आयोजन में डा इसहाक तबीब की पुस्तक का विमोचन भी किया गया इस अवसर कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के विभाग प्रचारक विशाल दीक्षित, एस. पी. सिटी नगर अमित किशोर श्रीवास्तव, नगर

मजिस्ट्रेट ब्रजेश सिंह, कृषि अधिकारी देवेश सिंह, सिद्धपीठ बाला जी दरबार

के महंत मटरुमल शर्मा, समिति की अध्यक्षा मंजुल शंखधार, डॉ. उपदेश

शंखधार, विशाल रस्तोगी, रिचा अशेष, भाजपा महामंत्री शारदेंदु

पाठक, राणा प्रताप सिंह, धीरज सक्सेना, व्यवसायी रचित प्रकाश, सचित प्रकाश,

मुकेश माहेश्वरी, संजीव साहू, प्रदीप गोयल, प्रतीश गुप्ता, हरी अग्रवाल,नितिन अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, चिकित्सक डॉ. सी. के. जैन, डॉ. बी.आर. गुप्ता, डॉ. अनमोल गुप्ता, डॉ. जी. के. मिश्रा, डॉ. भास्कर शर्मा, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ. सचिन गुप्ता, डॉ. किरन रायज़ादा, कवि

नरेन्द्र गरल, डॉ. राम बहादुर व्यथित, डॉ. कमला माहेश्वरी, गुरुचरण मिश्र, अभिषेक अनंत, श्रीदत्त पाठक, उज्ज्वल वशिष्ठ, दास कालिज के प्राचार्य डॉ. कमलेश कुमार सिंह, डॉ. प्रशांत कोहली, डॉ. सत्यम मिश्रा,

शिक्षक नेता संजीव शर्मा, सतीश चन्द्र मिश्रा, समिति के सदस्य श्यामजी शर्मा, नितिन गुप्ता, सुधांशु शर्मा, परविन्दर सिंह दुआ, दिनेश मदान, रविन्द्र मोहन सक्सेना, नरेश चन्द्र शंखधार, सुमित मिश्रा, राहुल चौबे, प्रवीण सक्सेना, रमाकांत तिवारी, मनीष सिंघल, अनूप रस्तोगी, क्षितिज शंखधार, दीपक सक्सेना, राजन मेंहदीरत्ता, किशन चन्द्र शर्मा, प्रशांत दीक्षित,मयंक गुप्ता, सुशील शर्मा, सुमित गोयल, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं

के पदाधिकारियों व सदस्यों ने अन्त तक कार्यक्रम का आनंद लिया। कवि सम्मेलन का सफल संचालन सर्वेश अस्थाना ने किया। कार्यक्रम के अन्त

में डॉ. अक्षत अशेष ने सभी कवियों, अतिथियों एवं जनसामान्य का

आभार व्यक्त किया।

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