सावन माह में खासतौर पर शिवजी के प्राचीन मंदिरों में भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है। आज हम आपको एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में बता रहे हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे पर बल्केश्वर महादेव मंदिर स्थित है। ये मंदिर ताजमहल से करीब 7 किमी दूर है।
मंदिर में पूजा और देखभाल करने वाले पंडित अनुभव पंड्या ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास करीब 600 साल पुराना है। पहले इसे बिल्केश्वर महादेव मंदिर कहा जाता था। कोरोना महामारी से पहले हर साल सावन माह में यहां हजारों भक्त रोज पहुंचते थे, लेकिन इस बार यहां आने वाले भक्तों की संख्या काफी कम हो गई है। इस साल सावन में 20-25 भक्त ही रोज आ रहे हैं।
पंडित पंड्या के मुताबिक मंदिर के क्षेत्र में पहले बिल्व पत्र का जंगल था। 600-700 साल पहले जब इस जंगल की कटाई हुई तो लोगों को यहां शिवलिंग और मंदिर दिखाई दिया था। बिल्व पत्र के जंगल में होने की वजह से इसे बिल्केश्वर महादेव मंदिर कहा जाता था। यमुना नदी के किनारे स्थित होने से इस मंदिर का महत्व काफी अधिक है। सावन माह में यहां कावड़ यात्रा भी होती थी, लेकिन इस बार यात्रा पर शासन प्रतिबंध लगा रखा है।
बल्केश्वर मन्दिर का खास आकर्षण है शिवलिंग का अद्भुत श्रृंगार। यहां शिवलिंग को चंदन और केसर से सजाया जाता है। मान्यता है कि अगर कोई भक्त लगातार 40 दिन मंदिर में दर्शन और पूजन करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।