एटा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयन्ती काफी धूम-धाम से मनायी गयी। जयन्ती के अवसर पर जिला चित्रगुप्त कल्याण समिति, एटा एवं वरिष्ठ नागरिक समिति के पदाधिकारियों ने सुभाष चैक पर पहुॅचकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष रवीन्द्र सहाय एडवाकेट ने नेताजी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुये कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा में कटक के एक सम्पन्न बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे।
मीडिया प्रभारी श्री सुधीर सक्सैना ने कहा कि भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को आजाद हिन्द सरकार की स्थापना की तथा आजाद हिन्द फौज का गठन किया। नेताजी अपनी आजाद हिन्द फौज के साथ 04 जुलाई, 1944 को बर्मा पहुॅचे। यही पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा ’’तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूगाॅ’’ दिया।
धर्मानन्द कौशिल्यान ने कहा कि 18 अगस्त 1945 को टोक्यो जाते समय ताइवान के पास नेताजी की मौत एक हवाई दुर्घटना में हो गयी लेकिन उनका शव नहीं मिल पाया। इसलिये नेताजी की मौत के कारणों पर आज भी विवाद बना हुआ है। माल्यार्पण करने वालों में श्री रवीन्द्र सहाय एडवोकेट, सुधीर सक्सैना, कर्णवीर सक्सैना, धर्मानन्द कौशिल्यान, राकेश कुलश्रेष्ठ एडवोकेट, अमित जौहरी एडवोकेट, मनोज कश्यप एडवोकेट, सुनील कुलश्रेष्ठ, आलोक जौहरी, हिमांशू अस्थाना, रतन प्रकाश सक्सैना, अरविन्द कनौजिया, मानवेन्द्र कुदैशिया, दीनेश्वर सहाय, हिमांशू कुलश्रेष्ठ एडवोकेट, शिवम सहाय, अनूप जौहरी, सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिक समिति के प्रदीप बिसारिया, इंजी0 ईश्वर दयाल सक्सैना, रजनीकान्त शर्मा, कान्तीसरन सक्सैना, राजवीर गुप्ता, राकेश कुमार, सौरभ वाष्र्णेय, सुनील कुमार (नीरव), कुलदीप सिंह, निर्भी बिसारिया, विधि बिसारिया, जितेन्द्र कुमार सहित अनेको चित्रांश बन्धु व वरिष्ठ नागरिक समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
नेताजी की जीवनी पर अमित जौहरी एडवोकेट, आलोक जौहरी, हिमांशु एवं प्रदीप बिसारिया ने भी प्रकाश डाला।