बरेली । सनातन संस्कृति में आयुर्वेदिक औषधियां सदियों से कारगर रही हैं। औषधीय पदार्थों से तैयार काढ़ा सर्दी, खांसी, सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने के साथ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी कारगर है। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डा.संजय कुमार ने बताया कि मेडिकल स्टोरों पर भी इम्युनिटी बूस्टर के नाम से मिल जा रहे हैं। थोड़ी सी मशक्कत कर इसे घर पर ही तैयार किया जा सकता है।
कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक दिख रही है। वैक्सीनेशन होने के बाद बड़ी संख्या में संक्रमित मिलने से आम आदमी खौफजदा है। वैश्विक महामारी से बचने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना जरूरी है। डा.संजय कुमार बताते हैं कि औषधीय तत्वों को लेकर घर पर ही काढ़ा तैयार किया जा सकता है। बनाने के उपाय बताते हुए वह कहते हैं कि दाल चीनी, काली मिर्च, सोंठ और तुलसी की पत्ती से ही इसे तैयार किया जा सकता है। बनाने की विधि के बारे में उन्होंने बताया कि 20 ग्राम दाल चीनी, 20 ग्राम सोंठ, 10 ग्राम काली मिर्च, 40 ग्राम तुलसी का पत्ता एक साथ कूट लें।
एक लीटर खौलते पानी में इसे डाल दें। स्वाद के लिए इसमें गुड़ और नीबू भी डाल सकते हैं। जब यह एक चौथाई रह जाए तो आधा-आधा चम्मच सेवन करने से सर्दी, खांसी, सांस संबंधी बीमारी ठीक हो जाती है। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। हालांकि एलोपैथ की अपेक्षा आयुर्वेदिक अस्पताल उपेक्षा के शिकार हैं। सरकार से न तो अपेक्षित आर्थिक सहायता मिल पा रही है और न ही भरपूर दवाएं मिल पा रही हैं।
चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं है काढ़ा
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला काढ़ा अभी उपलब्ध नहीं है। डा.संजय कुमार का कहना है कि शासन से आवंटन हो जाने की जानकारी मिली है। अभी आपूर्ति नहीं मिल सकी है। यहां उपलब्ध हो जाने पर मरीजों को वितरित किया जाएगा।पिछली साल जब कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा था तब कुछ कंपनियों ने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ औषधियों का वितरण कराया था। इस समय मेडिकल स्टोरों पर तो बिक रहे हैं, लेकिन निश्शुल्क वितरण कोई नहीं करा रहा है।