लखनऊ : सर्दी की आहट के बीच में वहां में लगातार बढ़ती नमी के दौर में दीपावली पर बड़े पैमाने पर आतिशबाजी ने उत्तर प्रदेश में हवा की गुणवत्ता को काफी खराब कर दिया है। दीपावली में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य शहरों में लोगों ने जमकर पटाखे जलाए, जिसके कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में प्रदूषण के लेवल में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है।
प्रदेश में इन दिनों वायु में बढ़ी नमी के साथ दीपावली की रात जमकर आतिशबाजी से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में वायु प्रदूषण औसत से कई गुना अधिक दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के दस सर्वाधिक प्रदूषित हवा वाले शहरों में बुलंदशहर सबसे ऊपर है। यहां का एक्यूआइ लेवल 416 दर्ज किया गया। कानपुर का 410, अलीगढ़ का 395, फतेहपुर का 383, हाथरस का 377, मथुरा का 375, बहराइच का 367 तथा राजधानी लखनऊ का 357 दर्ज किया गया। लखनऊ के पड़ोसी जिलों में भी इसका असर देखा गया है। लखनऊ में भी गोमतीनगर सर्वाधिक प्रदूषित था। यहां का एक्यूआइ 480 था।
एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ रहे वायु प्रदूषण से पर्यावरण प्रेमी भी चिंतित हैं। डॉक्टर भी कहते हैं कि इस समय का वायु प्रदूषण फेफड़ों को बेहद नुकसान पहुंचाता है। पटाखों का प्रदूषण हवा में ज्यादा ऊपर जा नहीं पाता इस कारण प्रदूषण की मात्रा अधिक होने से लोगों के सांस लेने में दिक्कतें और फेफड़ों की बीमारियों की समस्याओं की भरमार है। डॉक्टर ने कहा कि इस वायु प्रदूषण से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ जैसी बीमारियां अधिक होती हैं। लोग ऐसे में अनावश्यक रूप से लोग बाहर निकलने से बचे। मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों को भी हिदायत दी गई है कि अगले दो से तीन दिन परहेज करें।
