संजय शर्मा
बदायूं । नगर पालिका परिषद ही अपने नागरिकों को कष्ट देने पर आमादा है, इसका जीता जागता उदाहरण हैं मौहल्ला पनवड़िया स्थित एक पुलिया का निर्माण पिछले तीन सालों से चल रहा था लेकिन, आज़ तक पुलिया के दोनों ओर ठेकेदार द्वारा केवल मिट्टी डालकर ही आवागमन शुरू कर दिया गया है, संपर्क मार्ग का निर्माण कार्य अभी तक नहीं हो सका है, जबकि ठेकेदार का भुगतान पालिका परिषद द्वारा कर दिया गया है , क्योंकि ठेकेदार भी भाजपा कार्यकर्ता के साथ साथ चेयरमैन का भी चहेता है। निर्माण कार्यों की देखभाल के लिए शासन द्वारा एक जेई की तैनाती कर रखी है, लेकिन वह भी पालिका प्रशासन के हाथों की कठपुतली बन कर रह गया है,और माननीयों के दबाव में ठेकेदारों पर कार्रवाई करने के बजाए,अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहता है।
जबकि इस मार्ग पर ही जिला महिला व पुरुष चिकित्सालय वह रोडवेज बस स्टैंड, कचहरी जाने वाले हजारों लोगों को इसी ऊबड़खाबड़ पुलिया से होकर गुजरना नागरिकों की मजबूरी बन गई है, जरा सी बारिश में मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो जाती है जिसके कारण दो पहिया वाहन चालक गिरते रहते हैं हैं, और पालिका प्रशासन को कोसते रहते हैं।
पालिका प्रशासन द्वारा कचहरी, जिला चिकित्सालय एवं रोडवेज के लिए जाने वाले मार्ग जो कि मम्मन चौक से होते हुए कैलाश टाकीज चौराहे तक करीब सात आठ माह पूर्व उधेड़ कर डाल दिया गया है इस मार्ग से जनता ने आवागमन लगभग बंद ही कर दिया है, जबकि इस मार्ग से होकर ही रेलवे स्टेशन जाने का यह मुख्य मार्ग है , वहीं दोनों मार्ग आधे ज्यादा शहरवासियों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं, लेकिन पालिका प्रशासन अपने चहेते ठेकेदारों के आगे नतमस्तक है, जबकि ठेकेदारों को भी माननीयों का संरक्षण प्राप्त है इसलिए जनता की परेशानी, जनता के द्वारा ही चुनें हुए नुमाइंदे जनता के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं।
जबकि शहर के ज्यादातर वार्ड सदस्य, चेयरमैन, विधायक यहां तक कि सांसद सबके सब सत्ता पक्ष के है, वावजूद इसके जनता की हालत किसी भी जनप्रतिनिधि को नहीं दिखाई दे रही है ।